देशभर में करोड़ों कर्मचारी अपनी मेहनत की कमाई का कुछ हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पीएफ खाते में जमा करते हैं। पीएफ न सिर्फ एक सुरक्षित बचत है, बल्कि भविष्य में आर्थिक मदद का बड़ा सहारा सावित होता है।
मगर कई बार ऐसा देखा गया है कि कर्मचारी के खाते में बहुत कम या कोई रकम न होने पर निधन की स्थिति में परिवार को बड़ा संकट झेलना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए EPFO ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब खाते में रकम न होने पर भी नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) को 50,000 रुपए की सहायता दी जाएगी।
यह नियम विशेष तौर पर उन कर्मचारियों के लिए राहत है, जिनकी नियमित जमा के अभाव या नौकरी बदलने के कारण पीएफ अकाउंट शून्य बचे रहते हैं। अब नॉमिनी को कम से कम एक बार की राहत राशि निश्चित रूप से मिलेगी, जिससे परिवार को आर्थिक मदद मिल सके।
EPFO New Rule 2025
EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) ने हाल ही में अपने मृत्यु क्लेम (Death Claim) नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब अगर किसी कर्मचारी का निधन हो जाता है, और उसके पीएफ खाते में शून्य या नाममात्र राशि है, तब भी नॉमिनी को 50,000 रुपए की एकमुश्त सहायता मिलेगी।
यह सुविधा ‘ईडीएलआई योजना’ (Employees’ Deposit Linked Insurance – EDLI) के तहत शामिल है। पहले इसके तहत केवल उन्हीं खातों में राशि मिलती थी, जिनमें नियमित योगदान और बैलेंस होता था। लेकिन अब नए नियम लागू होने के बाद यह राहत हर वैध सदस्य के नॉमिनी को मिलेगी, चाहे पीएफ में पैसा हो या न हो।
योजना के तहत, कर्मचारी का नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी EPFO कार्यालय में आसान प्रक्रिया के जरिए यह दावा कर सकता है। इसमें सबसे जरूरी है कि खातेधारक का नाम, नॉमिनी का विवरण और अन्य जरूरी दस्तावेज रिकॉर्ड में अप टू डेट हों।
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ और क्या विशेष शर्तें हैं?
- योजना के मुताबिक, प्रत्येक कर्मचारी जिसके नॉमिनी का नाम EPFO सिस्टम में दर्ज है, और जिसने कम-से-कम 12 महीने तक किसी भी EPFO से संबद्ध संस्थान में काम किया है,
- खाते में शून्य या कोई राशि न होने पर, जुड़े कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को 50,000 रुपए की एकमुश्त सहायता सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
- यह लाभ उन्हीं मामलों में मिलेगा, जब मृत कर्मचारी की सेवा अवधि और नॉमिनेशन क्लेम सबमिट करने की तिथि EPFO के निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुरूप हो।
आवेदन प्रक्रिया क्या है?
- नॉमिनी या कानूनी वारिस को कर्मचारी के मृत्यु प्रमाण-पत्र, नॉमिनी का आईडी, बैंक डिटेल्स, तथा अन्य जरूरी दस्तावेज EPFO कार्यालय में जमा करने होते हैं।
- EPFO कार्यालय में ‘डैथ क्लेम फॉर्म’ और ‘ईडीएलआई क्लेम फॉर्म’ भरकर संबंधित दावों की जांच की जाती है।
- सभी कागजात ठीक होने पर 30 कार्य दिवस के भीतर राशि सीधे खाते में ट्रांसफर की जाती है।
- अगर पीएफ खाते में कोई विवाद या दस्तावेज अधूरे हैं, तो EPFO की टीम अभिलेखों की जांच और सुधार के लिए निर्देश देती है।
सरकार और EPFO की मंशा क्या है?
सरकार और EPFO का उद्देश्य हर वर्ग के कर्मचारी और उनके परिवारों को सुरक्षित भविष्य दिलाना है। सेवा के दौरान किसी अनहोनी या दुर्घटना के समय परिवार को मदद मिले, इसके लिए ईडीएलआई बीमा योजना बहुत महत्वपूर्ण है।
इस योजना के नए नियमों से लाखों छोटे कर्मचारियों और उनके परिवारों को जबरदस्त राहत मिल रही है, जिनके पीएफ खाते में रकम नहीं थी लेकिन अब भी उनका परिवार बेसहारा नहीं रहेगा। नौकरीपेशा लोगों को सलाह है कि नॉमिनी का नाम और डिटेल समय-समय पर EPFO पोर्टल पर अपडेट जरूर रखें।
बेनिफिट्स और नई व्यवस्था की जरूरत
पीएफ खाताधारकों के लिए यह सुविधा बहुत अहम है क्योंकि कई बार किसी कारणवश खाते में राशि शून्य हो जाती है—जैसे नौकरी बदलना, ट्रांसफर, योगदान न होना या फंड शिफ्ट की प्रक्रिया में गड़बड़ी।
ऐसी परिस्थिति में यह नया नियम परिवार को आर्थिक संबल देता है। साथ ही, ईडीएलआई बीमा की राशि साल-दर-साल रिवाइज भी हो सकती है, जो कर्मचारियों के हित के लिए बेहतर है।
निष्कर्ष
EPFO का नया नियम हर कर्मचारी और उसके परिवार के लिए सुरक्षा और भरोसे की गारंटी है। अब खाते में पैसे न भी हों, तो भी नामांकित व्यक्ति को 50,000 रुपए की एकमुश्त सहायता जरूर मिलेगी।
सभी कर्मचारियों को समय पर नॉमिनी अपडेट और दस्तावेज सही रखने चाहिए, ताकि अचानक किसी घटना पर परिवार को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े। सरकार की यह पहल एक सुरक्षित भविष्य की ओर बड़ा कदम है।