UPI Transaction Rules: ₹50,000 भेजा तो क्या देना होगा 10% टैक्स? सच जानिए

Published On: August 3, 2025
UPI Transaction Tax Rules

भारत में डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और UPI इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। लोग अब आसानी से मोबाइल से पैसे भेजते और प्राप्त करते हैं। इसी वजह से बहुत से लोगों को यह सवाल रहता है कि क्या UPI से ₹50,000 या इससे अधिक राशि भेजने या प्राप्त करने पर अलग से कोई टैक्स देना पड़ता है?

क्या सरकार ने कोई नया नियम बनाया है या इनकम टैक्स का प्रावधान है? आइए सरल भाषा में विस्तार से समझते हैं कि UPI पर टैक्स के नियम क्या हैं और कब सच में टैक्स देना पड़ सकता है।

सरकार और संबंधित संस्थाओं ने पारदर्शिता और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए UPI से जुड़े नियम तो बनाए हैं, लेकिन आम उपभोक्ताओं के लिए इसमें सीधा टैक्स लागू नहीं है।

फिर भी, इनकम टैक्स ऐक्ट की कुछ धारणाएं और ट्रांजैक्शन की प्रकृति पर निर्भर कर यह समझना जरूरी है कि किस स्थिति में टैक्स देना पड़ सकता है और किस स्थिति में आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।

UPI Transaction Rules

सबसे पहले यह साफ समझ लें कि UPI लेन-देन पर सरकार की ओर से कोई सीधा GST या अन्य टैक्स नहीं वसूला जा रहा है। अगर आप सिर्फ किसी दोस्त, परिवार, या परिचित को ₹50,000 तक भेजते हैं तो यह पूरी तरह टैक्स फ्री है। पैसे भेजने या रिसीव करने पर अलग से किसी प्रकार की टैक्स कटौती नहीं की जाती है।

लेकिन, अगर एक ही वित्तीय वर्ष में आपको किसी गैर-रिश्तेदार से UPI के माध्यम से ₹50,000 या इससे अधिक की राशि गिफ्ट के रूप में मिलती है, तो यह इनकम टैक्स नियम के अनुसार “गिफ्ट इनकम” माना जाता है।

नियम के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को नॉन-रिलेटिव से ₹50,000 से ज्यादा की राशि मिलती है, तो यह आपके टोटल इनकम में जुड़ जाता है और उस पर स्लैब के अनुसार इनकम टैक्स लग सकता है। वहीं, अपने परिवार या रिश्तेदारों से जितना भी पैसा मिले, उस पर टैक्स नहीं लगता।

अगर आप खुद किसी को ₹50,000 भेजते हैं – जैसे बच्चों की फीस, माता-पिता को खर्च के लिए या मित्र को उधार – तो आपकी ओर से कोई टैक्स या शुल्क नहीं है। ट्रांजैक्शन के उद्देश्य और प्राप्तकार की पहचान के हिसाब से ही टैक्स योग्यता बनती है।

इनकम टैक्स और UPI—महत्वपूर्ण नियम

  • गिफ्ट की सीमा: नॉन-रिलेटिव से ₹50,000 साल भर में पाना टैक्स फ्री है, इससे ज्यादा हुए तो वसूल राशि पर टैक्स लगेगा। रिश्तेदारों के लिए कोई सीमा नहीं।
  • व्यवसायिक आय: अगर कोई व्यापारी, फ्रीलांसर या प्रोफेशनल अपने काम के एवज में UPI से पेमेंट लेता है, उसे यह राशि अपनी कुल आय में जोड़कर टैक्स देना होगा।
  • बड़ी रकम की ट्रांजैक्शन: साल भर में आपके बचत खाते में ₹10 लाख या ज्यादा, और चालू खाते में ₹50 लाख या ज्यादा कुल ट्रांजैक्शन UPI या अन्य डिजिटल मोड से होती है, तो आयकर विभाग उसकी जानकारी ले सकता है और स्क्रूटिनी के लिए बुला सकता है।
  • केवल लेन-देन पर टैक्स नहीं: सामान्यतः पैसे ट्रांसफर करने पर किसी ग्राहक को अलग से टैक्स नहीं लगता। प्रोडक्ट/सेवा खरीद के समय बिल में GST पहले ही जुड़ जाता है, अलग से पेमेंट मोड (जैसे UPI) पर कोई नया टैक्स नहीं है।

UPI लेन-देन और अन्य शुल्क

UPI से बैंक खाते से पैसे भेजने या पाने पर NPCI के अनुसार कस्टमर को किसी भी तरह की फीस नहीं देनी पड़ती है।

कुछ वॉलेट/पीपीआई ट्रांजैक्शन (जैसे Paytm Wallet, PhonePe Wallet) में अगर ₹2,000 से अधिक का ट्रांजैक्शन मर्चेंट को किया जाता है, तो उस पर 1.1% तक इंटरचेंज शुल्क हो सकता है—but यह केवल व्यापारियों (दुकानदारों) पर लागू होता है, न कि सामान्य उपभोक्ताओं पर।

फर्जी खबरों से रहें सावधान

समय-समय पर सोशल मीडिया पर यह खबरें आ जाती हैं कि UPI से बड़े अमाउंट (₹2,000, ₹50,000, ₹1,00,000) भेजने-पाने पर सीधे टैक्स कटेगा या सरकार अलगा टैक्स लगाएगी। हाल ही में राज्यसभा में भी वित्त राज्य मंत्री ने साफ किया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है और UPI ट्रांजैक्शन पर अलग से GST या टैक्स लागू नहीं होगा।

आवेदन और फाइलिंग – किन बातों का रखें ध्यान

  1. अगर UPI से गिफ्ट के रूप में ₹50,000 से ज्यादा साल में पाते हैं, तो ITR फाइलिंग में उसका जिक्र जरूर करें।
  2. कारोबार या फ्रीलांसिंग से मिली राशि का हिसाब रखें और साल के अंत में कुल आमदनी के साथ संबंधित टैक्स का भुगतान करें।
  3. परिवार या करीबी रिश्तेदार से पैसे लेने/देने में कोई टैक्स लागू नहीं है, लेकिन पारदर्शिता रखें।

निष्कर्ष

UPI से ₹50,000 भेजने या पाने पर आम तौर पर किसी भी ग्राहक को कोई टैक्स या शुल्क नहीं देना पड़ता है, जब तक कि राशि गिफ्ट के रूप में गैर-रिश्तेदार से नहीं मिली हो या वह व्यापारिक आय न हो। सरकार का जोर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने पर है, इसलिए ऐसे लेन-देन में कोई प्रतिबंध या सीधा टैक्स नहीं है।

हां, तय सीमा से ज्यादा गिफ्ट, बड़ी आमदनी या कारोबार से जुड़े मामलों में इनकम टैक्स के नियम जरूर लागू होते हैं, इसलिए सत्य और आवश्यक जानकारी के साथ ट्रांजैक्शन करें और फर्जी खबरों से सतर्क रहें।

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