भारत सरकार द्वारा हर दस साल में वेतन आयोग (Pay Commission) का गठन किया जाता है, ताकि देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी, भत्ते और पेंशन समयानुकूल बढ़ सके।
अब सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का कार्यकाल दिसंबर 2025 में पूरा हो रहा है, जिसके बाद देशभर के कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का बेसब्री से इंतजार है।
हाल ही में संसद और सरकार से जुड़े कई बयानों के बाद इस नए वेतन आयोग की चर्चा तेज हो गई है और करोड़ों कर्मचारियों की नजरें इसपर टिकी हैं।
वेतन आयोग का सीधा असर न सिर्फ कर्मचारियों की कमाई पर पड़ता है, बल्कि महंगाई के दौर में उनकी जीवनशैली में भी बड़ा सुधार आता है। वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से वेतन, पेंशन और भत्तों में बढ़ोतरी होती है, जिससे पूरे आर्थिक व्यवस्था पर सीधा सकारात्मक असर पड़ता है।
यही वजह है कि सरकारी क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले लगभग 1 करोड़ कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को आयोग की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है।
8th Pay Commission 2025
8वां वेतन आयोग, केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2025 में घोषित किया गया। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों व पेंशनर्स के वेतन, पेंशन, भत्ते और अन्य सुविधाओं की समीक्षा कर वर्तमान आर्थिक स्थिति के अनुसार जरूरी बदलाव करना है।
आयोग के गठन की प्रक्रिया, चेयरपर्सन एवं सदस्यों की नियुक्ति, और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) पर मंथन जारी है। सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि आयोग का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया यानी समिति के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति होगी।
उम्मीद की जा रही है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें वर्ष 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत में आ सकती हैं, और इन्हें 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। अभी तक ऑफिशल नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, क्योंकि मंत्रालय विभिन्न क्षेत्रों (जैसे रक्षा, गृह, कार्मिक विभाग और राज्य सरकारें) से सुझाव ले रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही आयोग की सिफारिशें आएंगी और सरकार द्वारा इन्हें मंजूरी दी जाएगी, उसी समय से नया वेतनमान लागू होगा।
सैलरी और पेंशन में अनुमानित बढ़ोतरी
8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 30-34% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। न्यूनतम बेसिक वेतन मौजूदा 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 30,000-32,000 रुपये हो सकता है। फिटमेंट फैक्टर, जिसकी मदद से नए वेतन की गणना होती है, 1.83 से 2.46 तक जाने की संभावना है।
इस बार फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा है कि यह 2.28 के करीब रह सकता है, जिससे न्यूनतम वेतन में करीब 34% इजाफा होगा। साथ ही, जनवरी 2026 तक डियरनेस अलाउंस (DA) भी करीब 70% होने की संभावना है, जिसे नए बेसिक में समाहित कर दिया जाएगा।
इस पूरे अपडेट के बाद, सरकार की वित्तीय जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। अनुमान है कि केंद्र सरकार पर 8वें वेतन आयोग के लागू होने से 2.4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का अतिरिक्त बोझ आ सकता है। परंतु, इससे लाखों कर्मचारियों के जीवन में बड़ा फर्क पड़ेगा, जिससे व्यापक आर्थिक व्यवस्था को भी सकारात्मक गति मिल सकती है।
8वें वेतन आयोग का लाभ किन्हें मिलेगा?
नई वेतन सिफारिशों का लाभ लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स को होने की संभावना है। इसमें केंद्र सरकार के मंत्रालय, विभाग, संबद्ध कार्यालय, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, भारतीय सैन्य बल और अन्य संगठनों के स्थायी कर्मचारी व पेंशनर्स शामिल हैं।
वेतन आयोग की सिफारिशें कैसे लागू होती हैं?
हर वेतन आयोग के गठन के बाद आयोग विभिन्न विभागों, कर्मचारी संगठनों, वित्त मंत्रालय, राज्यों आदि से सुझाव लेने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करता है। रिपोर्ट आने के बाद सरकार की कैबिनेट में उसपर मंजूरी मिलती है, और फिर वह 1 जनवरी (आमतौर पर अगले दस साल के लिए) से प्रभावी कर दी जाती है।
आवश्यक होने पर कर्मचारी को एरियर भी दिया जाता है ताकि उन्हें नया वेतन पिछली तारीख से मिल सके। अगर किसी कर्मचारी को इसका लाभ लेना है, तो उन्हें सिर्फ अपने विभाग या DDO (Drawing and Disbursing Officer) के पास जरूरत पड़ने पर आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं।
बाकी सारा काम विभाग स्तर पर स्वतः चल जाता है। रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन खुद-ब-खुद पुराने रिकॉर्ड के अनुसार रीवाइज हो जाती है।
निष्कर्ष
8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए उम्मीदों की नई किरण है। इसकी सिफारिशें अगले साल लागू होने की पूरी संभावना है, जिससे वेतन, पेंशन और भत्तों में भारी बढ़ोतरी होगी। अपडेट्स पर नजर रखना ज़रूरी है, ताकि समय रहते सभी लाभों का सही फायदा उठाया जा सके।