भारत में हर दस साल में एक नए पे कमीशन का गठन होता है, ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी, भत्ते और पेंशन की संरचना में बदलाव लाया जा सके। फिलहाल 7th Pay Commission 2016 से लागू है, जो दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा। हाल ही में सरकार ने 8th Pay Commission को मंजूरी दे दी है और इसके लागू होते ही लाखों कर्मचारियों व पेंशनर्स को लंबी राहत मिलनी तय है। यह कमीशन 1 जनवरी 2026 से लागू माना जा रहा है। इसकी सिफारिशें 50 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों की आय व जीवनस्तर बेहतर करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम मानी जा रही हैं.
8th Pay Commission की सबसे अहम बात इसका ‘फिटमेंट फैक्टर’ है, जो आमतौर पर एक मल्टीप्लायर के रूप में इस्तेमाल होता है। पिछली बार (7वें पे कमीशन में) यह 2.57 रहा, जिससे न्यूनतम बेसिक वेतन 7,000 रुपए से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। इस बार मीडिया रिपोर्ट्स व जानकारों के मुताबिक फिटमेंट फैक्टर 2.28 से लेकर 2.86 तक या औसतन 1.8-2.5 के बीच आ सकता है।
इससे केंद्र सरकार कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 32,000 रुपये से 51,480 रुपये के आसपास पहुंच सकती है। वहीं, ग्रेड पे 2000 से 4200 वालों को भी उनकी सैलरी के हिसाब से भारी बढ़ोतरी मिलेगी — कुछ अनुमानों में ये बढ़ोतरी 185% तक बताई जा रही है, जब बेसिक के साथ सभी भत्ते और नई पेंशन संरचना भी जोड़ ली जाती है.
8th Pay Commission: क्या है मुख्य बातें?
8वां पे कमीशन केंद्र सरकार की ओर से गठित एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति है, जिसका मकसद केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनभोगियों की सैलरी, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करना व नए सुझाव देना है। हर बार आयोग में मौजूद अर्थशास्त्री, प्रशासनिक अधिकारी, और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि आर्थिक स्थिति, महंगाई, और कर्मचारियों के भत्तों का वर्तमान स्वरूप देख कर सिफारिशें देते हैं।
इस बार आयोग का विशेष फोकस इस बात पर है कि कर्मचारियों की महंगाई दर के अनुरूप जीवन स्तर में गिरावट न हो और उनकी पर्चेजिंग पावर यानी खरीद क्षमता बनी रहे। इसके लिए फिटमेंट फैक्टर से बेसिक पे बढ़ाया जाएगा, और डीए (मंहगाई भत्ता), एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस), टीए (यात्रा भत्ता) जैसी सारी सुविधाओं को नए बेसिक पर री-कैल्कुलेट किया जाएगा। साथ ही नई पेंशन स्कीम की दरें भी बढ़ेंगी, जिससे करीब 65 लाख पेंशनधारकों को बड़ी राहत मिलेगी.
जिन कर्मचारियों का ग्रेड पे 2,000 से 4,200 तक है, वे ज्यादातर क्लास-3 और क्लास-4 मजदूर, क्लर्क, ऑफिस असिस्टेंट, जूनियर टेक्निकल आदि होते हैं। माना जा रहा है कि इन निचले वेतनमान वाले कर्मचारियों को इस बार बेहतर बढ़ोतरी मिलेगी। उदाहरण के लिए, अब जिनकी बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, उनकी सैलरी नए बेसिक के हिसाब से 32,940 रुपये से 44,280 रुपये (फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 पर) जा सकती है। यदि डीए, एचआरए, टीए आदि भत्तों को जोड़ें तो कुल नेट वेतन में 155% से लेकर 185% तक बढ़ोतरी हो सकती है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी सैलरी में 55% तक डीए शामिल है। 8th Pay Commission लागू होते ही डीए रीसैट कर फिर नया जोड़ा जाएगा, इस कारण प्रारंभिक सैलरी संशोधन में अपेक्षाकृत कम प्रतिशत (13-20%) वृद्धि दिख सकती है, लेकिन लंबी अवधि में यह वृद्धि कहीं ज्यादा होती चली जाएगी.
8th Pay Commission से कौन-कौन होंगे लाभार्थी?
यह योजना भारत सरकार के सभी केंद्रीय कर्मचारियों, रेलवे, डाक, रक्षा व अर्धसैनिक बलों, केंद्र शासित प्रदेशों और शैक्षिक संस्थाओं के नियमित कर्मचारियों पर लागू होगी। साथ ही, संबंधित राज्य सरकारें भी इस पे स्केल को अपना सकती हैं। करीब 50 लाख कार्यरत कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर इस सुविधा के दायरे में आएंगे। आयोग के सिफारिशों का असर राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रम, तथा अन्य स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों की सैलरी-ढांचे पर भी पड़ सकता है.
क्या-क्या बदलाव शामिल किए जाएंगे?
8वां पे कमीशन सिर्फ सैलरी बढ़ाने तक ही सीमित नहीं रहेगा। पेंशन में वृद्धि, चिकित्सा सुविधा में सुधार, वर्ष में दो बार डीए रिविजन, हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), ट्रांसपोर्ट अलाउंस (टीए), बच्चों की पढ़ाई का भत्ता और कुछ नई भत्तों को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही, बदलती आर्थिक स्थितियों के अनुरूप वेतन ढांचे की अवधि छोटी की जा सकती है, जिससे जल्दी-जल्दी संशोधन हो सकें।
निष्कर्ष
8th Pay Commission के लागू होने से ग्रेड पे 2000-4200 वाले केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। इससे कर्मचारियों की क्रयशक्ति, जीवनस्तर और सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी। नई सिफारिशें 2026 से लागू होंगी, ऐसे में सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह राहत और उम्मीद की बड़ी खबर है।