कर्मचारियों के लिए हाल ही में एक बड़ी राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने पुराने पेंशन योजना (OPS) को लेकर एक नया नियम लागू किया है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा को लेकर भरोसा मिला है। पहले कर्मचारियों की अधिक संख्या ने ओपीएस को वापिस लाने की मांग की थी, क्योंकि नयी पेंशन योजना (NPS) में उन्हें पेंशन की गारंटी नहीं थी। इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है।
हाल के नियम बदलाव खासकर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद हैं जो अपनी सेवा के दौरान किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या या अस्पताल में भर्ती होकर सेवा समाप्त करते हैं, या ऐसी स्थिति में उनकी मृत्यु हो जाती है। ऐसे मामलों में अब कर्मचारियों के परिवारों को पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन और अन्य लाभ आसानी से मिल सकेंगे। सरकार ने इस पहल को एक पारदर्शी और सहायक कदम बताया है, ताकि कर्मचारियों और उनके परिवारों को अचानक पेश आने वाले संकट में राहत मिल सके।
OPS (पुरानी पेंशन योजना) और नया नियम
पुरानी पेंशन योजना (OPS) सरकार द्वारा दी जाने वाली एक निश्चित और गारंटीड पेंशन व्यवस्था है, जिसमें कर्मचारियों को उनकी अंतिम तनख्वाह के 50% के बराबर मासिक पेंशन और महंगाई भत्ता (DA) मिलता है। इसमें कर्मचारियों की तनख्वाह से कोई कटौती नहीं होती और पूरी पेंशन सरकार देती है।
अभी हाल ही में, Unified Pension Scheme (UPS) लाई गई है, जो अप्रैल 2025 से लागू हुई है। UPS में सरकारी कर्मचारियों को पेंशन पाने के लिए अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10% योगदान देना होता है, जबकि सरकार 18.5% का योगदान करती है। UPS में कम से कम 10 साल सेवा पर 10,000 रुपये महीने पेंशन और 25 साल सेवा पर अंतिम 12 महीनों के एवरेज बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलता है। यह योजना NPS और OPS दोनों की विशेषताओं का मिश्रण है।
अब जो नया नियम आया है, उसके अनुसार UPS से जुड़े कर्मचारी अगर सेवा के दौरान मृत्यु या स्थायी अपंगता के शिकार होते हैं, तो वे या उनके परिवार वाले ओपीएस के तहत मिलने वाले फायदे प्राप्त कर सकते हैं। मतलब ऐसे स्थिति में उन्हें OPS की ही पेंशन, ग्रेच्युटी (retirement gratuity/death gratuity), और अन्य लाभ दिए जाएंगे।
सरकार ने ये विकल्प कर्मचारियों के लिए एक बार के लिए उपलब्ध कराया है — यानी कर्मचारी को चयन फॉर्म भरकर अपने मंत्रालय/विभाग में जमा करना होगा। यह विकल्प ऑटोमैटिक नहीं मिलेगा; कर्मचारी को खुद आवेदन देना होगा।
कौन से कर्मचारी होंगे लाभार्थी?
- वे कर्मचारी जो UPS (Unified Pension Scheme) के तहत हैं, और सेवा के दौरान मृत्यु या अपंगता का शिकार होते हैं, उनके लिए OPS के लाभ मिलेंगे।
- NPS के तहत आने वाले कर्मचारी भी कुछ विशेष परिस्थितियों में OPS का विकल्प चुन सकते हैं, जैसे असामयिक मृत्यु या अपंगता के मामले।
- हाल का सरकार का निर्णय सभी केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू है, चाहे वह NPS में हैं या UPS में।
- कम से कम 10 साल सेवा करने वाले कर्मचारी भी अब मिनिमम पेंशन का लाभ ले सकते हैं, जो कि 10,000 रुपये प्रति माह है।
- परिवार वालों (यानी मृतक सरकारी कर्मचारी के आश्रित) को अंतिम विकल्प के अनुसार ही लाभ मिलेगा।
OPS के फायदे
ओपीएस के तहत कर्मचारी को अंतिम सैलरी के 50% तक पेंशन मिलती है, साथ ही DA में जब भी बढ़ोतरी होती है, पेंशन भी बढ़ती है। किसी प्रकार का योगदान कर्मचारी को नहीं करना होता। रिटायरमेंट या मृत्यु पर ग्रेच्युटी भी उपलब्ध है।
अब नया नियम यह सुनिश्चित करता है कि गंभीर दुर्घटना, स्थायी अपंगता या मौत जैसी कठिन परिस्थिति में कर्मचारियों और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा बनी रहे। इससे न केवल मौजूदा अधिकारियों बल्कि उनके परिवारों को भी राहत मिलेगी और भविष्य अधिक सुरक्षित रहेगा।
आवेदन कैसे करें?
अगर कर्मचारी UPS के तहत है और वो OPS के तहत लाभ लेना चाहता है तो उसे एक निर्धारित आवेदन फार्म भरकर अपने मंत्रालय या विभाग को देना पड़ेगा। यह विकल्प एक बार के लिए ही उपलब्ध है।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार द्वारा OPS को लेकर लागू किए गए नए नियमों से कर्मचारियों और उनके परिवारों को बड़ा संबल मिला है। अब अनिश्चितता के समय में किसी भी कर्मचारी या उसके परिजनों को पेंशन व अन्य सुरक्षा लाभ मिलेंगे, जिससे उनका भविष्य अधिक सुरक्षित बनेगा। यह सरकार की ओर से लिया गया एक बेहतरीन और भावुक कदम कहा जा सकता है, जो लाखों परिवारों को राहत देगा।