1 अगस्त 2025 से देशभर की सभी आंगनबाड़ी महिलाओं का न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह करने की घोषणा एक बड़ी और महत्वपूर्ण फैसला है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में बच्चों, माताओं और परिवारों को स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा से जुड़ी सेवाएं प्रदान करती हैं। अब सरकार द्वारा उनके न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की गई है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे अपनी सेवाएं और बेहतर तरीके से दे सकेंगी। यह वेतन वृद्धि महिलाओं के सम्मान और सामाजिक सशक्तिकरण का भी प्रतीक मानी जा रही है।
यह योजना भारत सरकार के अंतर्गत आती है जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा को प्रोत्साहित करने के लिए लागू की गई है। आंगनबाड़ी सेवाएं मुख्य रूप से महिला और बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) के तहत संचालित होती हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिनके काम से देश के लाखों बच्चों का भविष्य जुड़ा है, उन्हें उचित वेतन मिले और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें। 1 अगस्त 2025 से यह संशोधित वेतन सभी आंगनबाड़ी कर्मचारियों पर लागू होगा, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
1 अगस्त 2025 से आंगनबाड़ी महिलाओं का न्यूनतम वेतन ₹18,000
1 अगस्त 2025 से देश के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह निर्धारित किया गया है। इससे पहले उनके वेतन में केवल मामूली वृद्धि होती थी, लेकिन अब सरकार ने इस वेतन में खासा इजाफा किया है।
यह वेतन वृद्धि आंगनबाड़ी कर्मचारियों के काम की महत्ता को ध्यान में रखते हुए की गई है। वेतन बढ़ाने का उद्देश्य उन्हें बेहतर मंजूरी देना और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारना है। इसके साथ ही यह भी देखा गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण और गरीब परिवारों तक पहुंच बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाती हैं।
इस वेतन संशोधन के तहत, केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का ही न्यूनतम वेतन नहीं बढ़ाया गया, बल्कि आशा कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के भी वेतन में वृद्धि हुई है। आशा और सहायिका कार्यकर्ताओं का मानदेय भी अब ₹18,000 के करीब पहुँचाने के प्रयास किए गए हैं।
आंगनबाड़ी कर्मचारी की सैलरी की श्रेणी राज्य और स्थान के हिसाब से बदल सकती है, लेकिन न्यूनतम वेतन सभी राज्यों में ₹18,000 प्रतिमाह सुनिश्चित किया जाएगा। जिससे देश के हर कोने में काम करने वाली महिलाओं को उचित लाभ मिले।
यह किस योजना के तहत हो रहा है?
यह वेतन वृद्धि मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा संचालित आंगनबाड़ी सेवा योजना (Integrated Child Development Services – ICDS) के तहत लागू है। ICDS योजना देश के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और युवा माताओं को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करती है।
सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बेहतर भुगतान के साथ प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वे अपनी जिम्मेदारी और निष्ठा के साथ काम करें। इसके साथ-साथ, सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत मुफ्त बीमा देने का प्रावधान भी किया है।
2018 में भी प्रधानमंत्री ने आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि की थी और उन्हें प्रोत्साहन राशि दी थी। अब 2025 में वेतन में बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा एक और कदम है उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में।
सरकार की यह पहल सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का उद्देश्य भी रखती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिलाओं को बेहतर वेतन मिलने से न केवल उनकी जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि बच्चों और माताओं के लिए दिए जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का रोल और महत्व
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, माताओं की देखभाल और प्री-स्कूल शिक्षा जैसी बुनियादी लेकिन जरूरी सेवाएं प्रदान करती हैं। वे समाज में खासकर गरीब और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य और शिक्षा की जागरूकता फैलाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उनके काम की वजह से कई बच्चे स्वास्थ्यवर्धक आहार प्राप्त करते हैं, टीकाकरण होते हैं तथा माताओं को गर्भावस्था और बच्चों के पोषण की जानकारी मिलती है। आंगनबाड़ी केंद्र पूरे देश में बच्चों और महिलाओं का जीवन सुधारने में अहम योगदान देता है।
इस काम के लिए पहले मानदेय कम था, जिससे कई बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आर्थिक परेशानियों का सामना करती थीं। अब ₹18,000 न्यूनतम वेतन मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे बेहतर तरीके से अपने काम को लगातार जारी रख सकेंगी।
परिणाम और असर
इस वेतन वृद्धि के कई सकारात्मक प्रभाव होंगे। सबसे पहले, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जीवन गुणवत्ता बढ़ेगी। इससे उनकी नौकरी के प्रति मनोबल भी ऊपर जाएगा और वे पूरी निष्ठा से कार्य करेंगी।
दूसरा, इससे बच्चों और माताओं को मिलने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा क्योंकि कार्यकर्ता बेहतर आर्थिक सुरक्षा के कारण अधिक समर्पित हो पाएंगी।
तीसरा, यह कदम महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा, जो आने वाले समय में सामाजिक विकास में भी सहायक होगा।
यह भी संभव है कि इस सुधार से आंगनबाड़ी सेवाओं का विस्तार और बेहतर समन्वय हो, जिससे हर क्षेत्र तक पोषण और स्वास्थ्य कार्यक्रम पहुंच सकें।
सरकार की यह पहल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। 1 अगस्त 2025 से न्यूनतम वेतन ₹18,000 तय होना उनके आर्थिक अधिकारों की ओर एक मजबूत कदम है। इससे वे बेहतर जीवन व्यतीत कर सकेंगी और देश के बच्चों और माताओं की देखभाल को और प्रभावी बनाएंगी। यह निर्णय महिला सशक्तिकरण तथा बाल विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।