आज के दौर में वाहन चलाना शौक ही नहीं, जरूरत भी बन गया है। मगर सुरक्षित और कानूनी तरीके से गाड़ी चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सबसे जरूरी दस्तावेज है। पहले लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ ऑफिस में लंबी लाइनें लगानी पड़ती थीं, घंटों इंतजार करना पड़ता था और कई बार एजेंट के पीछे भागना पड़ता था।
लेकिन अब सरकार ने यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी है, जिससे आम आदमी को घर बैठे लाइसेंस मिल जाता है। डिजिटल इंडिया के बढ़ावे से नागरिकों को कई सरकारी सेवाएं घर बैठे मिलने लगी हैं। ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन बनवाने की सुविधा भी इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
इससे लोगों का समय और मेहनत तो बचता ही है, साथ ही प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद हो गई है। अब आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर से केवल कुछ स्टेप्स में आवेदन कर सकते हैं और जरूरी दस्तावेज भी ऑनलाइन ही जमा कर सकते हैं।
यह सुविधा हर नागरिक के लिए पूरी तरह सुलभ है। खासतौर पर युवाओं, महिलाओं और व्यस्त लोगों के लिए यह प्रक्रिया बहुत फायदेमंद है, क्योंकि अब किसी एजेंट या दलाल की जरूरत नहीं रही। आवेदन से लेकर स्लॉट बुकिंग, टेस्ट और लाइसेंस प्राप्त करने तक सब कुछ ऑनलाइन हो गया है।
Driving Licence Online Apply
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में “सारथी परिवहन सेवा” नाम से ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर जाकर कोई भी व्यक्ति लर्निंग लाइसेंस और परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है।
इसका उद्देश्य है पूरी प्रक्रिया को आसान, तेज़ और पारदर्शी बनाना ताकि देश के हर नागरिक को यह सुविधा मिले।ऑनलाइन आवेदन के लिए सबसे पहले आपको परिवहन विभाग की वेबसाइट या सारथी पोर्टल पर जाना होता है।
यहां राज्य चुनने के बाद “Apply Online” सेक्शन में जाकर “New Driving Licence” या “Learner’s Licence” वाले विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद एक फॉर्म खुलेगा जिसमें नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, आधार नंबर आदि जानकारी सही-सही भरनी होती है।
फॉर्म के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे – आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र या दसवीं की मार्कशीट, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होती है। दस्तावेज अपलोड करने के बाद निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा करना होता है, जिसके बाद आपका आवेदन जमा हो जाता है।
पात्रता और जरूरी शर्तें
भारत में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपकी आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। 16 वर्ष की आयु वाले केवल गियर रहित दोपहिया वाहन (50cc तक) के लिए लाइसेंस ले सकते हैं। लर्निंग लाइसेंस पहले मिलता है, जो 6 महीने तक वैध रहता है और इस दौरान व्यक्ति ट्रैफिक नियम, सड़क संकेत और ड्राइविंग का अभ्यास कर सकता है।
लर्निंग के बाद मुख्य ड्राइविंग टेस्ट देना जरूरी होता है। टेस्ट में सफल होने पर ही स्थायी लाइसेंस जारी किया जाता है। यदि कोई आवेदक 50 वर्ष या अधिक आयु का है तो मेडिकल सर्टिफिकेट देना आवश्यक है। अन्यथा सामान्य स्थिति में पहचान, पता और आयु प्रमाण पत्र पर्याप्त हैं।
आवेदन के बाद की प्रक्रिया
आवेदन जमा करने के बाद आवेदक को ऑनलाइन चालान/रसीद मिलती है जिसमें आवेदन नंबर और टेस्ट की तिथि होती है। ज्यादा राज्यों में लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन टेस्ट होता है, जिसमें ट्रैफिक नियमों, संकेतों और सामान्य जानकारी से जुड़े सवाल होते हैं।
टेस्ट पास करने के बाद लर्निंग लाइसेंस तुरंत जारी हो जाता है, जिसे पोर्टल से डाउनलोड भी किया जा सकता है। 30 दिनों के बाद ही स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए ऑफिस में जाकर वाहन चलाने की परीक्षा पास करनी होती है। पास होने के बाद स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस स्पीड पोस्ट द्वारा आपके पते पर भेज दिया जाता है।
मुख्य लाभ
ड्राइविंग लाइसेंस डिजिटल बनने से नागरिकों को समय, पैसे और मेहनत तीनों की बचत होती है। पूरी प्रक्रिया कागज रहित, पारदर्शी और बिना किसी एजेंट के होती है। लाइसेंस एक मान्य पहचान पत्र भी है, जिसे बैंक, बीमा, और अन्य सरकारी कामों में उपयोग किया जा सकता है। साथ ही, बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर भारी जुर्माना और दंड का प्रावधान है।
ये व्यवस्था समाज में कानून का पालन और सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करती है। इसके अलावा महिलाओं, छात्रों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए भी सेवा को सुगम और भरोसेमंद बनाया गया है।
निष्कर्ष
अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना कठिन काम नहीं रहा। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया ने इसे बेहद आसान, तेज़ और सुरक्षित बना दिया है। ज़रूरी दस्तावेज तैयार रखें, पोर्टल पर सही जानकारी भरें और टेस्ट की तैयारी करें – घर बैठे लाइसेंस पाएं और अपनी ड्राइविंग को कानूनी और सुरक्षित बनाएं।
सरकार की यह पहल सही मायनों में नागरिकों के हित में और वक्त के साथ कदमताल मिलाने वाली है।