अगर आप नौकरीपेशा हैं और रिटायरमेंट के लिए एक निश्चित आमदनी का सपना देखते हैं, तो मोदी सरकार की EPS-95 योजना में हाल ही में बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। केंद्र सरकार ने इस पुराने पेंशन स्कीम में न सिर्फ गारंटीड इनकम बढ़ाई है, बल्कि लंबे समय तक सेवा देने वालों के लिए बोनस जैसी सुविधा भी जोड़ी है।
यह खबर लाखों परिवारों के लिए राहत का काम करेगी, जो अपने बुढ़ापे को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना चाहते हैं। मौजूदा महंगाई के दौर में हर बुजुर्ग को नियमित मासिक पेंशन मिलना जरूरी है। पिछले कुछ वर्षों से EPS-95 पेंशनधारकों की यह मांग थी कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाई जाए।
अब सरकार ने उनकी मांग पर अमल करते हुए न्यूनतम पेंशन ₹7,500 प्रतिमाह कर दी है, जिससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा। इसी के साथ, सेवा में 20 साल से ज्यादा समय देने वालों को अतिरिक्त बोनस भी दिया जा रहा है।
EPS-95 Scheme 2025
EPS-95 यानी Employees’ Pension Scheme 1995, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से शुरू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसके तहत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का लाभ मिलता है।
यदि आपकी सर्विस कम से कम 10 साल की है और आपका EPF अकाउंट है, तो आप EPS-95 के तहत स्वचालित रूप से कवर हो जाते हैं।
सरकार ने जुलाई 2025 में यह अहम घोषणा की है कि अब EPS-95 के सभी पेंशनर्स को न्यूनतम ₹7,500 प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। पहले यह राशि सिर्फ ₹1,000 थी, लेकिन महंगाई और जीवनशैली की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसे बढ़ा दिया गया है। इसका सीधा लाभ नए और पुराने दोनों तरह के पेंशनर्स को मिलेगा।
बोनस और अन्य लाभ
एक और बड़ा फायदा उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने 20 वर्ष या उससे ज्यादा सेवा की है। ऐसे पेंशनर्स को उनके पेंशन कैलकुलेशन में 2 साल की बोनस सर्विस जोड़ दी जाएगी, जिससे उनकी मासिक पेंशन राशि और भी बढ़ सकती है।
यह बोनस सुविधा EPFO की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से दी गई है और इसका लाभ उठाने के लिए अलग से आवेदन की जरूरत नहीं है — नियमानुसार यह अपने-आप लागू हो जाएगी।
इस योजना के तहत परिवार पेंशन, विकलांगता पेंशन, तथा विधवा/परिजनों के लिए विशेष वित्तीय सुरक्षा का भी जायजा रखा गया है। किसी सदस्य की मृत्यु के बाद उसके परिजनों को भी योजना के अनुसार मासिक पेंशन मिलती है, जिससे पूरे परिवार को वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
योजना में योगदान और पात्रता
EPS-95 में कर्मचारी के आधार वेतन का 8.33% हिस्सा (अधिकतम वेतन 15,000रु प्रतिमाह पर) इस पेंशन फंड में जाता है; यह राशि नियोक्ता की ओर से PF खाते से सीधे ट्रांसफर होती है। कर्मचारी को अपनी ओर से अलग से कोई अंशदान नहीं देना होता। सरकार भी 1.16% का योगदान देती है।
इस स्कीम का लाभ पाने के लिए आपको कम से कम 10 साल की जॉब सर्विस पूरी करनी होगी। अगर आप 58 वर्ष की उम्र में रिटायर हुए हैं, तो पूरी पेंशन पावोगे; आप चाहें तो 50 साल की उम्र में रेड्यूस्ड पेंशन भी ले सकते हैं, लेकिन राशि थोड़ी कम हो जाएगी।
नया लाभ पाने के लिए आवेदन कैसे करें?
अगर आप पहले से EPS-95 पेंशनर हैं तो नए न्यूनतम पेंशन और बोनस का लाभ आपको अपने-आप मिलेगा; कोई अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं है। यदि आप अभी नौकरी में हैं और EPF/EPS के सदस्य हैं, तो रिटायरमेंट के बाद इसके लिए आपको EPFO पोर्टल पर फॉर्म 10D भरना होता है।
कागजात के तौर पर निम्न डॉक्युमेंट्स चाहिए:
- पहचान और उम्र प्रमाण (आधार, पैन, जन्म प्रमाणपत्र)
- नौकरी के वर्षों का प्रमाण (सर्विस रिकॉर्ड, कंपनी सर्टिफिकेट)
- बैंक की पासबुक
फॉर्म भरने के बाद EPFO ऑफिस में जमा करें या ऑनलाइन पोर्टल से सबमिट कर सकते हैं। आवेदन की स्थिति आप ट्रैक भी कर सकते हैं।
भविष्य में योजना का असर
न्यूनतम पेंशन की यह वृद्धि सीधे तौर पर करीब 2.2 करोड़ से ज्यादा पेंशनर्स को फायदा पहुंचाएगी। जिन बुजुर्गों को अब तक सिर्फ ₹1,000 मिलते थे, उनका जीवन स्तर निश्चित रूप से सुधरेगा। साथ ही, आने वाले समय में EPFO और सरकार द्वारा पेंशन में महंगाई आधारित बढ़ोतरी (DA), फ्री मेडिकल जैसी अतिरिक्त सुविधाओं पर भी विचार किया जा रहा है।
निष्कर्ष
EPS-95 के तहत मिलने वाली गारंटीड इनकम और लंबी सेवा के लिए बोनस का यह अवसर वाकई लाखों बुजुर्गों के लिए सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन की गारंटी ला सकता है। सरकारी प्रयासों से अब रिटायरमेंट के बाद भविष्य की चिंता कम होगी।
जरूरतमंद परिवारों को सलाह है कि वे समय रहते अपने सभी दस्तावेज और KYC अपडेट रखें, ताकि योजना का अधिकतम लाभ बिना किसी समस्या के मिल सके।