1 अगस्त से महिलाएं फ्री बस सेवा का लाभ केवल कुछ विशेष श्रेणियों के लिए ही प्राप्त कर पाएंगी, क्योंकि सरकार ने इस सेवा के नियमों में बदलाव किए हैं। पहले कई राज्यों में महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा का फायदा बिना किसी शर्त के मिलता था। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें सुरक्षित परिवहन सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
लेकिन अब सरकार ने इस योजना को व्यवस्थित करने के लिए नया नियम लागू किया है, जिसमें फ्री बस सेवा सीमित महिलाओं के लिए होगी। यह बदलाव इस वजह से किया गया है ताकि सेवा में पारदर्शिता लाई जा सके और जहां जरूरत हो वहां अधिकतम मदद दी जा सके। दिल्ली सरकार ने हाल ही में ‘सहेली स्मार्ट कार्ड’ योजना शुरू की है, जिसके तहत केवल दिल्ली की स्थायी निवासी महिलाएं और ट्रांसजेंडर जिनकी उम्र 12 साल या उससे अधिक है, ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगी। ऐसे में अब फ्री बस सेवा सभी महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि तय पात्रता रखने वाली महिलाओं के लिए सीमित हो जाएगी।
1 अगस्त से फ्री बस सेवा सिर्फ इन महिलाओं के लिए – नया नियम लागू
इस योजना के तहत अब फ्री बस यात्रा केवल उन महिलाओं को मिलेगी जो संबंधित राज्य की स्थायी निवासी होंगी। इसके लिए विशेष स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। इस स्मार्ट कार्ड का उपयोग बसों में टिकट के रूप में किया जाएगा और इसके बिना मुफ्त यात्रा नहीं की जा सकेगी। यह कदम सरकार द्वारा इस योजना को व्यवस्थित तरीके से चलाने और फंड की सही दिशा में उपयोग करने के लिए उठाया गया है।
इससे पहले महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा के लिए किसी भी प्रकार का कागजी काम या आईडी प्रूफ देने की जरूरत नहीं होती थी। बस में चढ़ते ही उन्हें पिंक टिकट मिल जाता था, जिसका खर्च सरकार या बस सेवा संचालक वहन करते थे। लेकिन इस प्रक्रिया में असंगतियां और पारदर्शिता की कमी होने के कारण अब यह नया नियम लागू किया गया है। स्मार्ट कार्ड योजना से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सेवा का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिले जो वाकई इसके पात्र हैं।
यह नियम केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कई राज्यों ने भी इसी पैटर्न पर विचार करना शुरू कर दिया है। कुछ राज्यों में कार्यक्रम बंद होने या नियम बदलने की संभावना है, जबकि अन्य राज्यों में योजना को जारी रखने की योजना है। जैसे आंध्र प्रदेश में तो 15 अगस्त से पूरे राज्य की महिला यात्रियों के लिए फ्री बस सेवा शुरू होने वाली है, जिसमें लग्ज़री और अल्ट्रा-लक्ज़री बसों में भी मुफ्त यात्रा होगी। इस योजना से करीब 25 लाख महिलाओं को फायदा मिलेगा, जो मुख्यतः कृषि, मजदूरी और अन्य दैनिक कामों से जुड़ी हैं।
इसके साथ ही, कुछ राज्यों में जैसे दिल्ली, फंड की कमी और बढ़ती लागत के कारण इस योजना को सीमित करने या पुनः व्यवस्थित करने की तैयारी चल रही है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन स्मार्ट कार्ड के जरिए सुविधा को और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
योजना का उद्देश्य और लाभ
सरकार द्वारा शुरू की गई फ्री बस सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना था। इस योजना के तहत महिलाओं को बिना किसी आर्थिक बोझ के सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित की जा रही थी। विशेष रूप से छात्राओं, कामकाजी महिलाओं और कम आय वर्ग की महिलाओं को इससे सबसे अधिक लाभ मिला। मुफ्त बस सेवा ने महिलाओं को दूरदराज के क्षेत्रों में नौकरी, पढ़ाई और अन्य जरूरी कार्यों के लिए जाने का अवसर दिया।
योजना से महिलाओं की सामाजिक स्वतंत्रता बढ़ी है और परिवारों के भीतर उनका सम्मान भी बढ़ा है क्योंकि वे अब आर्थिक प्रतिबंध के बिना कहीं भी जा सकती हैं। इससे महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलने लगे हैं जिससे उनकी आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है।
लागू नियम और पात्रता
1 अगस्त से लागू नए नियमों के अनुसार, मुफ्त बस यात्रा का लाभ केवल अस्थायी निवासी नहीं बल्कि उस राज्य की स्थायी निवासी महिलाएं और ट्रांसजेंडर ही उठा सकेंगे जिनके पास सरकार द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड होगा।
स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने के लिए महिलाओं को आधार कार्ड, वोटर आईडी या राशन कार्ड जैसे पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा जो उनके स्थायी निवासी होने की पुष्टि करते हैं।
इसके अलावा, उम्र सीमा निर्धारित की गई है, जहां 12 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को यह सुविधा मिली। इससे योजना के प्रदर्शन और संचालन में पारदर्शिता बनी रहेगी।
सरकार को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचेगी।
योजना के बारे में वर्तमान स्थिति
हाल ही में जो खबरें आई हैं, उनके अनुसार कई राज्य सरकारें इस योजना को लेकर पुनर्विचार कर रही हैं। कुछ जहां इस सेवा को सीमित करने की सोच रहे हैं, वहीं आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में 15 अगस्त से नई फ्री बस सेवा का शुभारंभ होने जा रहा है। आंध्र प्रदेश में इसे लेकर उच्च स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सरकार इस योजना के तहत 3,500 करोड़ रुपये का बजट रख रही है।
वहीं दिल्ली में यह योजना अब और अधिक व्यवस्थित होकर स्मार्ट कार्ड के रूप में लागू की जाएगी। पहले जहां कोई भी महिला बिना कागजी कार्रवाई के फ्री यात्रा कर सकती थी, अब साफ नियम बन चुके हैं जो केवल दिल्ली की स्थायी निवासियों तक ही सीमित होंगे।
निष्कर्ष
1 अगस्त से महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा में बड़ा बदलाव आ रहा है। अब यह सेवा केवल उन महिलाओं के लिए उपलब्ध होगी जो निर्धारित पात्रता पूरी करती हैं और जिनके पास स्मार्ट कार्ड होगा। इसका उद्देश्य इस योजना में बेहतर पारदर्शिता लाना और आर्थिक संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है। ऐसे में यह आवश्यक है कि पात्र महिलाएं जल्द से जल्द अपने स्मार्ट कार्ड के लिए आवेदन करें ताकि उन्हें इस सुविधा का लाभ बिना किसी बाधा के मिल सके। सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए अन्य उपाय भी करती रहेगी, जिससे उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति लगातार मजबूत हो।