देश में राशन कार्ड धारकों को कई वर्षों से मुफ्त खाद्यान्न वितरण का लाभ मिलता आ रहा है। इस योजना ने कोविड-19 महामारी के समय गरीब और जरूरतमंद लोगों को बड़ी राहत पहुंचाई थी।
केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत देश के करोड़ों लोगों को सस्ती या मुफ्त राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई थी।
राशन के अलावा कुछ राज्यों ने लाभार्थियों को सीधी नकद सहायता भी दी, ताकि परिवारों के घर-गृहस्थी के रोजमर्रा के खर्च में मदद मिल सके।
हाल के कुछ महीनों में सरकार द्वारा राशन कार्ड से जुड़ी कई अहम घोषणाएं की गई हैं। इन फैसलों ने लाभार्थियों के बीच हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि अब मुफ्त राशन न मिलने या पात्रता में बदलाव की सूचना लगातार सामने आ रही है। सरकार ने वितरण तंत्र की पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं।
इन नियमों के लागू होते ही कई परिवर्तन देखे जा रहे हैं, जिससे राशन कार्ड धारकों के लिए नई चुनौतियां और जरूरतें उभरी हैं।
Free Ration Update 2025
2025 में सरकार ने साफ किया है कि अब मुफ्त राशन योजना में बड़े बदलाव किए जाएंगे। पहले गरीब और कमजोर वर्गों को हर महीने मुफ़्त गेहूं, चावल और अन्य खाद्य सामग्री दी जाती थी, लेकिन अब लाभार्थियों के वर्ग को सीमित किया गया है।
केंद्र सरकार की नई नीति के अनुसार अब सभी राशन कार्ड धारकों को फ्री राशन मिलने की सुविधा समाप्त कर दी गई है, और यह लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा जो नई पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं।
ये बदलाव इसलिए किए गए हैं ताकि मुफ्त राशन का सीधा फायदा सिर्फ जरूरतमंद और निर्धन लोगों तक ही पहुंचे। सरकार ने बताया कि बहुत से ऐसे लोग भी मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे थे, जो असल में इसके पात्र नहीं थे।
मौजूदा बदलावों के तहत अब निर्धारण किया गया है कि किसकी वार्षिक आय कितनी है, उसके पास कितनी जमीन या घर आदि हैं, और इसी के आधार पर मुफ्त राशन की पात्रता तय की गई है।
जिन परिवारों की मासिक आय ₹10,000 से अधिक है, पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, चार पहिया वाहन है, या शहरी क्षेत्र में 1,000 वर्ग फीट से बड़ा मकान है, उन्हें मुफ्त राशन का लाभ अब नहीं मिलेगा। इसके चलते देशभर में लाखों ऐसे परिवार योजना से बाहर हो जाएंगे जिनकी आर्थिक स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है।
योजना की खास बातें और नई प्रक्रिया
नई फ्री राशन वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने पात्रता सूची आधारित वितरण शुरू किया है। अब हर लाभार्थी को अपना राशन कार्ड, आधार, बैंक खाता और अन्य विवरण अपडेट कराने होंगे।
सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म और ‘One Nation, One Ration Card’ जैसी तकनीक आधारित व्यवस्थाओं से राशन का वितरण कर रही है, जिससे कहीं भी राशन उठाया जा सके और गलत लाभार्थियों को योजना से बाहर किया जा सके।
केंद्र सरकार ने हाल ही में यह भी आदेशित किया कि राज्यों को जून, जुलाई और अगस्त 2025 के लिए तीन महीने का राशन एक साथ बांटना है, जिससे मानसून में वितरण आसानी से हो सके। लेकिन लंबी अवधि में मुफ्त राशन का लाभ सीमित वर्ग को ही मिलेगा और बाकी लोगों को बाजार दर पर ही खाद्यान्न खरीदना पड़ेगा।
नई व्यवस्था में जिन लोगों ने छह महीने या उससे ज़्यादा समय से अपना राशन नहीं लिया है, उनका राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है। ई-केवाईसी और दस्तावेज़ सत्यापन अब अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे व्यवस्था में पारदर्शिता और सही लाभार्थी चयन हो सके।
किसे मिलेगा फायदा और क्या है सरकार की बात?
अब मुफ्त राशन उन्हीं को मिलेगा:
- जिनके पास ‘अंत्योदय अन्न योजना’ (AAY) या ‘प्राथमिक गृहस्थी’ (PHH) कार्ड है।
- जिनकी आर्थिक स्थिति सरकारी मापदंडों के अनुसार कमजोर है।
- जिनका राशन कार्ड और खातों की पूरी जानकारी सरकारी पोर्टल पर अपडेट है।
सरकार का कहना है कि इन बदलावों से देश के करीब 81 करोड़ पात्र लोगों को ही लंबे समय तक मुफ्त या रियायती राशन सुविधा दी जाएगी, बाकी लोगों को व्यवस्था से बाहर किया जा रहा है।
निष्कर्ष
सरकार के ताजा फैसले के बाद मुफ्त राशन अब सभी को नहीं मिलेगा, बल्कि सिर्फ जरूरतमंद और पात्र परिवारों तक यह लाभ सीमित किया गया है। जो लोग नए नियमों में फिट नहीं बैठते, उन्हें सरकारी मूल्य या बाजार दर पर ही राशन खरीदना पड़ेगा।
सबसे जरूरी है कि सभी लाभार्थी अपने दस्तावेज़ समय से अपडेट रखें, ताकि पात्रता न रुक जाए। नीतिगत बदलावों से फूड सिक्योरिटी की व्यवस्था और सशक्त होगी, लेकिन हर परिवार को अपने दस्तावेज़ और पात्रता की जांच-पड़ताल अवश्य करते रहना चाहिए।