प्याज देश में लगातार आवश्यक खाने-पीने की वस्तु बना हुआ है। लगभग हर भोजन में प्याज का इस्तेमाल होता है, इसलिए इसकी कीमतों पर सभी का ध्यान रहता है। खासकर किसानों के लिए प्याज की कीमतें उनके सामने आय का प्रमुख स्रोत होती हैं। इंदौर मंडी, मध्य प्रदेश की एक महत्वपूर्ण कृषि बाजार है, जहां प्याज की खरीद-फरोख्त बड़े पैमाने पर होती है। इस समय प्याज की कीमतें किसानों के लिए राहत की वजह हैं या झटके का कारण, यह मालूम करना बहुत जरूरी है।
आज इंदौर मंडी में प्याज का औसत भाव लगभग 950 से 1261 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। यह दाम बाजार के वर्तमान हालात को दर्शाते हैं। प्याज की अलग-अलग किस्मों जैसे मीडियम प्याज, सूपर प्याज आदि के दाम भी अलग-अलग हैं। इस दाम की स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि प्याज की कीमतें कुछ हद तक स्थिर हैं, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें लागत का पूरा मुआवजा अभी भी नहीं मिल रहा।
पिछले कुछ महीनों में घरेलू और मंडी बाजारों में प्याज के दामों में काफी उतार-चढ़ाव आया है। कहीं कीमतें गिरने लगी हैं जिससे किसानों को नुकसान हुआ है तो कहीं इन दामों में थोड़ी राहत भी नजर आई है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज की कीमतें 6 से 10 रुपये प्रति किलो तक गिर गई थीं, जिससे किसानों में असंतोष देखा गया। वहीं इंदौर मंडी में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर मानी जा सकती है।
सरकार ने प्याज किसानों की सहायता के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं ताकि वे आर्थिक तौर पर मजबूती से काम कर सकें। उदाहरण के तौर पर, बिहार सरकार ने प्याज के भंडारण के लिए 75% तक की सब्सिडी देने की योजना चलाई है। इस योजना के तहत किसानों को प्याज स्टोर करने के लिए आवश्यक गोदाम बनाने में सहायता दी जाती है, जिससे प्याज खराब न हो और वे उचित मुनाफा कमा सकें। इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को सीधे DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सब्सिडी दी जाती है, जिससे उन्हें तत्काल लाभ मिलता है।
इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार ने प्याज किसानों के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) भी लागू की है। इस योजना के अंतर्गत सरकार बागवानी फसलों की उचित कीमत सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाती है ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले और वे आर्थिक हानि से बच सकें।
हालांकि प्याज की कीमतों में गिरावट से किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है, फिर भी सरकार की ये योजनाएं उन्हें राहत देने और खेती को मुनाफेदार बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। प्याज के उत्पादन में वृद्धि के कारण बाजार में सप्लाई ज्यादा होने से कीमतों पर दबाव बना रहता है, इसलिए किसानों को तकनीकी और आर्थिक सहायता की जरूरत बढ़ गई है।
संक्षेप में, इंदौर मंडी में प्याज के दाम इस समय मध्यम स्तर पर हैं। किसानों को पूरी तरह से लाभ पहुंचाना अभी भी एक चुनौती है, लेकिन सरकारी योजनाएं भविष्य में उनके लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। प्याज के सही भंडारण और बाजार नीति के सुधार के साथ ही प्याज किसानों को बेहतर आर्थिक स्थिति मिलने की उम्मीद है।
इसलिए कहा जा सकता है कि आज के दाम किसानों के लिए राहत और झटका दोनों का मिश्रण हैं, पर सरकार की कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं ने किसानों को निश्चित रूप में मदद पहुंचाई है और भविष्य में अधिक सुधार की उम्मीद बनी हुई है।