Krishi Yantra Subsidy Yojana: 80% छूट पर मिलेगे 12 आधुनिक मशीनें, जल्दी करें आवेदन

Published On: July 22, 2025
Krishi Yantra Subsidy Yojana 2025

देश के लाखों किसानों के लिए कृषि यंत्र खरीदना अब आसान हो गया है। हर साल कृषि का खर्च बढ़ता जा रहा है, जिससे छोटे और मध्यम किसान नई तकनीकी मशीनें खरीदने में हिचकिचाते हैं।

खेती को आसान, तीव्र और लाभकारी बनाने के लिए सरकार ने “कृषि यंत्र सब्सिडी योजना” की शुरुआत की, जिससे किसान सस्ती दरों पर ट्रैक्टर, थ्रेशर, सीड ड्रिल, रोटावेटर, पावर टिलर जैसे आधुनिक यंत्र खरीद सकते हैं।

खेतों की जुताई, बुआई, सिंचाई और कटाई के लिए पुराने औजारों की जगह नए कृषि यंत्र जरूरी हो गए हैं। सरकार का यही प्रयास है कि किसानों को इन सुविधाओं का लाभ डायरेक्ट मिले और उनकी आमदनी बढ़े। सब्सिडी मिलने से मशीनों के दाम काफी कम हो जाते हैं, और किसान समय रहते फॉर्म भरकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

इस योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी सीधे खरीदारी से जुड़ी होती है, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है। सरकार की तरफ से यह सुविधा पूरी तरह पारदर्शी और ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत दी जा रही है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा जरूरतमंद किसान लाभान्वित हो सकते हैं।

Krishi Yantra Subsidy Yojana

“कृषि यंत्र सब्सिडी योजना” केंद्र व राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जाती है। इसका उद्देश्य किसानों को अत्याधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद और प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे उत्पादन और आमदनी बढ़े। मुख्य रूप से यह योजना “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना”, “राष्ट्रीय कृषि विकास योजना”, “यांत्रिकरण मिशन” आदि के माध्यम से लागू होती है।

इस योजना में ट्रैक्टर, पावर टिलर, हार्वेस्टर, मल्टी क्रॉप थ्रेशर, बीज ड्रिल, स्प्रेयर, रीपर, बेलर, हल, रोटावेटर, कंबाइन हार्वेस्टर जैसी मशीनें मुख्य रूप से शामिल हैं। इन यंत्रों के लिए किसानों को 40% से 80% तक की सब्सिडी मिलती है, जो राज्य, क्षेत्र व लाभार्थी वर्ग (सामान्य, एससी/एसटी, महिला) के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।

कई राज्यों में महिलाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति–जनजाति, छोटे व सीमांत किसानों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। कुछ राज्यों में 50,000 से लेकर 1,50,000 रुपये तक की सीधी अनुदान राशि भी दी जा रही है।

योजना के लाभ और प्रक्रिया

योजना के तहत किसान सरकारी पोर्टल या अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। फॉर्म ऑनलाइन भरने के लिए डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म, CSC सेंटर या कृषि विभाग की वेबसाइट का सहारा लिया जा सकता है। आवेदन के बाद सभी दस्तावेजों (आधार, बैंक खाता, भूमि दस्तावेज, जाति प्रमाण, पासपोर्ट फोटो आदि) की जांच की जाती है।

यदि किसान चयनित हो जाता है, तो उसका नाम लाभार्थी सूची में आ जाता है और वह सूचीबद्ध डीलर से अनुदान योग्य कृषि यंत्र खरीद सकता है। सब्सिडी की राशि सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है या मशीन की कीमत में ही घटा दी जाती है।

यह योजना पूरी तरह पारदर्शी है, व लाभार्थी को मशीन ट्रैकिंग और शिकायत दर्ज कराने की सुविधा भी मिलती है। सरकार समय-समय पर मशीनों की सूची, उपलब्ध मॉडल और सब्सिडी दरें अपने पोर्टल व सूचना पट्ट पर प्रकाशित करती है।

कौन उठा सकता है लाभ?

किसी भी किसान का नाम राज्य की भूमि रिकॉर्ड या भू-स्वामी डाटा में होना जरूरी है। छोटे और सीमांत किसान, महिला किसान, एससी/एसटी और ऐसे कृषक जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इस योजना का तेजी से विस्तार हो रहा है। किसान सामूहिक खरीद, FPO (किसान उत्पादक संगठन) या सहकारी समितियों के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन कैसे करें?

  • कृषि यंत्र सब्सिडी आवेदन के लिए अधिकारीक पोर्टल या CSC सेंटर पर जाएं।
  • “कृषि यंत्र सब्सिडी योजना” सेक्शन में रजिस्ट्रेशन करें।
  • आधार, भूमि अभिलेख, बैंक खाता, मोबाइल व अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
  • मशीन का चयन कर पूरी जानकारी भरें।
  • सबमिट करने के बाद एप्लीकेशन नंबर सुरक्षित रखें।
  • कृषि विभाग द्वारा सत्यापन के बाद सब्सिडी की स्वीकृति व खरीद प्रक्रिया शुरू होती है।
  • मशीन मिलने के बाद इंस्टॉलेशन और प्रशिक्षण हेतु भी पर्याप्त सहायता दी जाती है।

किन बातों का रखें ध्यान

आवेदन फॉर्म भरते समय सभी जानकारियाँ सही भरें, दस्तावेज स्पष्ट और अपलोड योग्य फॉर्मेट में रखें। खरीदी केवल सरकार द्वारा सूचीबद्ध अधिकृत डीलर से ही करें, जिससे सब्सिडी की प्रक्रिया में दिक्कत न हो। योजना की समय सीमा का ध्यान रखें, क्योंकि बजट सीमित होता है और पहले आओ–पहले पाओ की नीति लागू हो सकती है।

निष्कर्ष

कृषि यंत्र सब्सिडी योजना किसानों को तकनीक से जोड़ने और उत्पादन बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है। इससे खेतों में मेहनत, समय और लागत तीनों कम होती है तथा किसान आधुनिक यंत्रों के जरिये खेती को ज्यादा लाभकारी बना सकते हैं। समय रहते आवेदन करें और सरकार की इस पहल का लाभ उठाकर अपनी खेती को आगे बढ़ाएं।

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