Land Registry Rule Change: अब 2 नहीं 4 बार होगा चेक, 2025 में लागू होंगे ये सख्त नियम

Published On: July 29, 2025
Land Registry Rule 2025

भारत में जमीन खरीदना या बेचना हमेशा से एक बड़ा निवेश और जिम्मेदारी का काम माना जाता रहा है। लेकिन आए दिन फर्जी आवंटन, धोखाधड़ी और लंबे विवादों के मामले बढ़ने के कारण सरकार ने भूमि रजिस्ट्री के नियमों में साल 2025 में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं।

इन बदलावों का असर हर जमीन खरीदार और विक्रेता पर पड़ेगा और खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा पारदर्शी, सुरक्षित और तेज हो गई है। 2025 के नए भूमि कानूनों का उद्देश्य जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज और प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाना और कागजी झंझट कम करना है।

अब न सिर्फ जमीन की स्वामित्व प्रक्रिया बदल गई है, बल्कि रजिस्ट्री का अर्थ भी कानूनन बदला गया है। कई राज्यों ने इन नियमों के साथ-साथ डिजिटल रिकॉर्ड, आधार सत्यापन और रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन को अनिवार्य कर दिया है, ताकि फर्जीवाड़ा और विवादों की पूरी तरह रोकथाम की जा सके।

Land Registry Rules 2025

2025 से लागू हुए भूमि रजिस्ट्री के नए नियमों में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के जरिए होगी। यानी अब रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर लगाने और घंटों लाइनों में खड़े रहने की जरूरत नहीं है। खरीदार अथवा विक्रेता अपने घर बैठे ही दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं और सभी दस्तावेजों की जांच भी डिजिटल रूप से होगी.

नए नियमों के मुताबिक:

  • हर जमीन का एक यूनिक लैंड आईडी नंबर (ULIN) होगा, जिससे उस जमीन की पहचान और स्वामित्व स्पष्ट रहेगा.
  • रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड, पैन और बायोमेट्रिक सत्यापन अब अनिवार्य हैं। गवाहों के भी फिंगरप्रिंट/रेटिना स्कैन किए जाएंगे, जिससे फर्जी सौदों पर पूरी तरह रोक लग सके.
  • सभी दस्तावेज जैसे बिक्री पत्र, टाइटल डीड, नो-इन्कंबेंसी सर्टिफिकेट आदि डिजिटल पेनल पर अपलोड होंगे.
  • रजिस्ट्री के दौरान पूरे ट्रांजैक्शन की लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद या शक न हो.
  • रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब केवल डिजिटल माध्यम से ही हो सकेगा। बैंक, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या UPI से ही फीस जमा होगी.
  • रजिस्ट्री पूरी होने के बाद आपको तुरंत डिजिटल सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा, जिसे कभी भी डाउनलोड और प्रस्तुत किया जा सकता है.
  • फिजिकल दस्तावेजों की जगह ई-रिकॉर्ड और क्लाउड स्टोरेज में आपकी जमीन से जुड़े सभी जरूरी पेपर सुरक्षित रहेंगे.

म्यूटेशन अनिवार्य, रजिस्ट्री का अर्थ बदला

पहले मान्यता थी कि रजिस्ट्री होते ही आप जमीन के मालिक बन जाते हैं। अब ऐसा नहीं है – नए कानून के अनुसार जमीन का असली मालिक वही होगा, जिसके नाम पर डिजिटल रिकॉर्ड में म्यूटेशन दर्ज है। यानी खरीदार को रजिस्ट्री के तुरंत बाद म्यूटेशन (भूमि अभिलेख में नाम परिवर्तन) कराना होगा, तभी उसे कानूनी मालिकाना हक मिलेगा.

इससे कागजी घपला, डुप्लीकेट बिक्री और लटके विवाद खत्म होंगे तथा असली हकदार ही अपनी जमीन का दावा कर सकेगा। सरकार का दावा है कि इससे फर्जी रजिस्ट्री, धोखाधड़ी और अदालतों में लंबित जमीन विवादों की संख्या में भारी कमी आएगी.

कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड (खरीदार, विक्रेता एवं गवाह)
  • बिक्री पत्र, टाइटल डीड, नो-इन्कंबेंसी सर्टिफिकेट
  • पूर्व भूमि स्वामित्व का सर्टिफिकेट, राजस्व रिकॉर्ड की कॉपी
  • बैंक डिटेल, मोबाइल नंबर, फोटो

सभी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी डिजिटल पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। सत्यापन के बाद ही रजिस्ट्री स्वीकृत होगी.

फायदा और सूझबूझ

इन नियमों से हर तरह की फिजूल भागदौड़, भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर बड़ी लगाम लगेगी। म्यूटेशन और डिजिटल रजिस्ट्री से भूमि स्वामित्व के दावों में पारदर्शिता आएगी। खरीदार और विक्रेता दोनों ही जालसाजों से बच पाएंगे.

अगर कोई प्रक्रिया अधूरी या कोई दस्तावेज गलत है, तो रजिस्ट्री रद्द भी हो सकती है। इसलिए हर दस्तावेज सही और प्रक्रिया पूरी रखें। ऑनलाइन फीस भरें और डिजिटल रसीद सुरक्षित रखें। म्यूटेशन जरूर कराएँ और रिकॉर्ड अपना अपडेट रखें.

निष्कर्ष

2025 के भूमि रजिस्ट्री नए नियम भारत के संपत्ति बाजार के लिए ऐतिहासिक हैं। यह प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल, सुरक्षित और पारदर्शी हो गई है। जमीन खरीदने-बेचने से पहले हर नागरिक को इन नए नियमों की पूरी जानकारी रखना बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई परेशानी और विवाद न हो।

ऐसी स्थिति में सभी जरूरी दस्तावेज समय पर और सही तरीके से डिजिटल पोर्टल पर अपलोड करें, तभी भूमि पर मालिकाना हक पूर्ण और सुरक्षित होगा।

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