आजकल पैन कार्ड (PAN Card) हर भारतीय के लिए न सिर्फ इनकम टैक्स फाइलिंग, बल्कि सभी बड़े वित्तीय लेनदेन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है। बढ़ती डिजिटल तकनीक और धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए सरकार समय-समय पर पैन कार्ड के नियमों और सुरक्षा उपायों में बदलाव लाती रहती है।
हाल ही में जारी ‘पैन कार्ड 2.0’ अपडेट और नए सरकारी आदेश के चलते सभी पैन कार्डधारकों के लिए सतर्क रहना जरूरी हो गया है, क्योंकि अगर आपने लापरवाही की तो बैंक खाते खाली भी हो सकते हैं।
पिछले कुछ महीनों से पैन कार्ड को लेकर कई नए नियम उम्मीदवारों पर लागू हो चुके हैं। खासकर फर्जीवाड़ा बढ़ने और लोगों की निजी जानकारी के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आई हैं। इसलिए सरकार द्वारा पैन कार्ड के डिजिटल वेरिफिकेशन, आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी समेत कई नियम कड़े किए गए हैं।
पैन कार्ड से जुड़े इन नए आदेशों की वजह से सभी कार्डधारकों के लिए अपने दस्तावेज समय पर अपडेट और सुरक्षित रखना अनिवार्य हो गया है।
Pan Card 2.0 Rule
पैन कार्ड 2.0 सरकार द्वारा लाया गया नया और आधुनिक संस्करण है जिसमें डिजिटल फीचर्स जैसे एडवांस्ड क्यूआर कोड, बेहतर वेरिफिकेशन और फर्जी कार्ड रोकने के लिए नई तकनीकें शामिल की गई हैं। अब नए पैन कार्ड आवेदन, सुधार या रि–प्रिंटिंग की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और पेपरलेस हो चुकी है।
इसके अलावा, आधार कार्ड को पैन कार्ड से रियल टाइम में लिंक करना अनिवार्य किया गया है, जिससे आपकी पहचान तुरंत वेरिफाई हो सके।
1 जुलाई 2025 से, नए पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन के समय आधार नंबर देना एवं मोबाइल ओटीपी से रियल टाइम में वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है। अगर किसी आवेदक का आधार नंबर एक्टिव या वैध नहीं है, तो उनका पैन आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
वहीं, जिन लोगों के पास पहले से पैन है, उनके लिए 31 दिसंबर 2025 तक आधार-पैन लिंक करना अनिवार्य है, वरना ऐसे पैन कार्ड अगले साल से निष्क्रिय (inoperative) हो जाएंगे।
बैंक खाते खाली होने का खतरा क्यों?
देशभर में साइबर ठग “पैन कार्ड 2.0” के नाम पर लोगों को फर्जी ईमेल, एसएमएस या कॉल भेज रहे हैं, जिनमें बताया जाता है कि अपडेटेड पैन या नया ई-पैन डाउनलोड करें।
ऐसी लिंक पर क्लिक करते ही आपकी निजी जानकारी, बैंक डिटेल्स और ओटीपी हैकर्स के पास पहुँच सकती है और इससे आपके खाते का पैसा खाली हो सकता है। सरकार और इनकम टैक्स विभाग ने साफ कर दिया है कि वे कभी भी व्यक्तिगत जानकारी या बैंक डिटेल्स ईमेल और एसएमएस के जरिए नहीं मांगते।
लोगों को सलाह दी गई है कि यदि आपको “पैन 2.0” के नाम से कोई संदिग्ध ईमेल, कॉल या मैसेज आए जिसमें लिंक क्लिक कर जानकारी भरनी हो, तो उसे तुरंत डिलीट करें और अपने बैंक, इनकम टैक्स विभाग अथवा साइबर सेल को रिपोर्ट करें। केवल सरकारी वेबसाइट या इनकम टैक्स पोर्टल पर ही लॉगिन कर पैन–आधार संबंधी प्रक्रिया अपनाएँ।
नियमों में नया क्या और किन बातों का ध्यान रखें?
- नया पैन कार्ड या सुधार कराने के लिए अब रियल टाइम आधार वेरिफिकेशन जरूरी है।
- जिनके पास पैन कार्ड पहले से है, उन्हें 31 दिसंबर 2025 तक उसे आधार से लिंक करा लेना चाहिए।
- पैन–आधार लिंक न होने पर पैन निष्क्रिय हो सकता है, जिससे बैंकिंग, आईटीआर फाइलिंग, म्यूचुअल फंड निवेश आदि सब काम रुक सकते हैं।
- बैंकिंग से जुड़े वित्तीय लेनदेन और बड़ा ट्रांजेक्शन करते समय पैन नंबर देना जरूरी है। फर्जी या डुप्लीकेट पैन कार्ड पर ₹10,000 तक की सजा है।
- कई बैंक अब समय-समय पर केवाईसी के साथ-साथ पैन और आधार की अपडेट जानकारी भी मांगते हैं। फर्जी या अमान्य डिटेल देने पर खाता फ्रीज हो सकता है।
खुद को कैसे सुरक्षित रखें?
अपने मोबाइल और ईमेल पर किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल का जवाब न दें।
समय–समय पर इनकम टैक्स पोर्टल या अपने बैंक में लॉगिन करके जानकारी वेरिफाई करें।
पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासबुक, बैंक स्टेटमेंट आदि कागजात सुरक्षित रखें, किसी के साथ शेयर न करें।
अगर आपको संदेह है कि आपके पैन या खाते का दुरुपयोग हुआ है, तो तुरंत बैंक और साइबर सेल को सूचित करें।
निष्कर्ष
पैन कार्ड 2.0 और नए नियम कानून के तहत हर नागरिक को सतर्कता बरतनी जरूरी है ताकि बैंक खाते और वित्तीय जानकारी सुरक्षित रहे।
समय से पैन–आधार लिंक और केवाईसी अपडेट करवाएँ तथा किसी भी फर्जी कॉल या ईमेल से बचें। नई व्यवस्था से सिस्टम पारदर्शी हुआ है, लेकिन सतर्क और जागरूक रहना आपकी जिम्मेदारी है। यदि सर्तकता रखेंगे तो किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी और परेशानी से बच सकते हैं।