रक्षाबंधन का त्योहार भारतीय समाज में भाई-बहन के प्रेम और रक्षा के वादे का प्रतीक है। हर वर्ष राखी के इस पर्व पर बहनों और परिवार के बुजुर्गों के लिए यह दिन विशेष होता है। इस वर्ष रक्षाबंधन के मौके पर सरकार ने पेंशनर्स के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। खासकर वृद्धा, विधवा और विकलांग नागरिकों के लिए मिलने वाला यह लाभ उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी में बहुत राहत भरा साबित होगा।
सरकारी पेंशन योजनाओं के तहत बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिक, असहाय महिलाएं और दिव्यांग लोग पहले से ही मासिक सहायता राशि प्राप्त करते हैं। लेकिन महंगाई और बढ़ती जरूरतों को देखते हुए निरंतर यह मांग उठती रही है कि इन योजनाओं के तहत मिलने वाली पेंशन राशि में वृद्धि की जाए। वर्तमान में, सरकार द्वारा दिए गए तोहफे से इन योजनाओं के लाभार्थियों को अतिरिक्त लाभ मिलने वाला है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सकता है।
रक्षाबंधन पर पेंशनर्स को तोहफा: क्या है स्कीम?
इस बार रक्षाबंधन से ठीक पहले सरकार ने पेंशनर्स को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ पहुँचाने के लिए वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांग पेंशन की राशि को बढ़ाया है। कई राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में, सरकारों ने बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को 2,500 रुपये से 3,500 रुपये तक की मासिक पेंशन देना शुरू किया है। इसके साथ ही कई लाभार्थियों के खातों में रक्षाबंधन से पहले-पहले पेंशन की रकम भेज दी गई है, जिससे वे त्योहार को मनाते समय आर्थिक तंगी महसूस न करें।
पेंशन की इस नई व्यवस्था में राशि की रकम बढ़ाने के साथ-साथ पात्रता नियमों में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। उदाहरण के लिए, विधवा पेंशन के लिए अब कम उम्र में पति की मृत्यु की स्थिति में भी महिलाओं को यह लाभ मिल सकता है। इसी तरह विकलांग पेंशन पाने के लिए पूर्व में 50 प्रतिशत दिव्यांगता की शर्त थी, जो अब घटाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है। इससे ज्यादा पात्र नागरिकों को इस योजना का लाभ मिलेगा। साथ ही यह भी घोषणा की गई है कि डिजिटल भुगतान को अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे पेंशन राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में समय पर पहुंचेगी।
कौन-कौन कर सकते हैं आवेदन? – पात्रता और प्रक्रिया
सरकारी वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन योजनाओं का लाभ आमतौर पर गरीब, बेसहारा और कमजोर आय वर्ग के नागरिकों को दिया जाता है। इसमें बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्डधारक परिवारों के सदस्य, 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध, 18 से 60 वर्ष की विधवाएं, तथा 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग व्यक्ति पात्र हैं। पात्रता के लिए आमदनी/आयु/दिव्यांगता से जुड़े कागजात व सरकारी प्रमाण-पत्र जरूरी हैं।
आवेदन की प्रक्रिया आजकल बहुत सरल बना दी गई है। इसके लिए चाहे तो राज्य सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, या फिर अपने नजदीकी ग्राम पंचायत/जन सेवा केंद्र/नगर निगम ऑफिस अथवा डिजिटल सेवा केंद्र जाकर ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। अर्जी भरने के बाद जरूरी दस्तावेजों की जांच होती है, और पात्र पाए जाने पर आवेदक के बैंक खाते में हर महीने तयशुदा रकम ट्रांसफर कर दी जाती है।
किनको कितना लाभ मिलेगा?
इस नई व्यवस्था के तहत राज्यों के हिसाब से पेंशन राशि अलग-अलग हो सकती है। उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश में वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों के खातों में रक्षाबंधन पर 3,000 से 3,500 रुपए तक की पेंशन दी गई है। राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत प्रति माह 1,500 रुपए और हरियाणा में 1,600 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। कई जगहों पर लाभार्थियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई है जिससे ज्यादा लोग इस योजना से जुड़े हैं।
इसके अलावा, विशेष फेरबदल भी किए गए हैं – विधवाओं के पुनर्विवाह करने पर अब उनकी पेंशन नहीं रुकेगी, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है। साथ ही, डिजिटल भुगतान व्यवस्था लागू होने पर पेंशन के भुगतान में आने वाली देर या अन्य समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
त्योहार पर आर्थिक सपोर्ट का महत्व
रक्षाबंधन के मौके पर सरकार द्वारा दी गई इस सौगात से वैसे नागरिक जो पहले अपनी जरूरतें और त्योहार मनाने में असमर्थ महसूस करते थे, अब उन्हें सामाजिक व आर्थिक हौसला मिल सकेगा। बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांग जनों के लिए यह पेंशन सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि उनके स्वाभिमान और सामाजिक सहभागिता को भी बढ़ाता है।
निष्कर्ष
रक्षाबंधन के पर्व पर वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशनर्स के लिए सरकार का यह तोहफा उनकी खुशियों में बढ़ोतरी करने वाला है। सही समय पर, बढ़ी हुई राशि से इन्हें अपने परिवार के साथ त्योहार मनाना, रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना और सम्मानजनक जीवन जीना आसान रहेगा। यह कदम सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं को और मजबूत बनाता है।