भारत सरकार ने पारंपरिक हस्तशिल्पकारों और कारीगरों के लिए “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना” (PM Vishwakarma Scheme) शुरू की है। यह योजना उन्हें अधिकारिक पहचान (सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड) देकर वित्तीय, कौशल, और मार्केटिंग के क्षेत्र में मदद करती है। इस योजना का मकसद कारीगरों को आधुनिक उपकरण, कौशल उन्नयन, ब्याज सबवेंशन पर ऋण और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन देना है। आज हम जानेंगे कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सर्टिफिकेट को मोबाइल से कैसे डाउनलोड किया जा सकता है और इसके अंतर्गत सरकार क्या-क्या लाभ प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक केंद्रीय सरकार की योजना है, जो विशेष रूप से कारीगरों और शिल्पकारों को समर्पित है। इस योजना के तहत शिल्पकारों को विश्वकर्मा वाहन मान्यता दी जाती है, जिससे उन्हें विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते हैं। इसमें कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण, उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता, बिना जमानत के कर्ज, ब्याज दर पर सबवेंशन, डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन और मार्केटिंग में सहायता शामिल है।
योजना का उद्देश्य है कि ऐसे कारीगर जो परंपरागत उपकरणों के साथ काम करते हैं, उन्हें आधुनिक तकनीक, डिजिटलीकरण, और बाजार तक पहुंच प्राप्त हो। योजना में कुल 18 ट्रेड के कारीगरों को शामिल किया गया है, जैसे बढ़ई, लोहार, सोनार, मजनू, कुम्हार, दर्जी, धोबी, और अन्य। इन्हें पहचान पत्र और आईडी कार्ड दिया जाता है जो उनकी असली योग्यता और पहचान सुनिश्चित करता है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सर्टिफिकेट मोबाइल से कैसे डाउनलोड करें?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत पंजीकरण के बाद लाभार्थियों को डिजिटल या फिजिकल रूप में सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड दिया जाता है। इसे मोबाइल से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:
- ऑफिशियल पोर्टल पर लॉगिन करें: सबसे पहले पीएम विश्वकर्मा योजना के सरकारी पोर्टल पर मोबाइल या कंप्यूटर से जाएं।
- यूजर आईडी और पासवर्ड डालें: आपके आधार नंबर या पंजीकरण विवरण के आधार पर लॉगिन करें।
- डिजिटल सर्टिफिकेट सेक्शन चुनें: पोर्टल पर उपलब्ध “डिजिटल सर्टिफिकेट डाउनलोड” वाले विकल्प पर क्लिक करें।
- अपना नाम या पंजीकरण संख्या डालें: अपनी जानकारी फिल्टर करके सर्टिफिकेट खोजें।
- सर्टिफिकेट डाउनलोड करें: आपका पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट स्क्रीन पर दिखेगा, उसे डाउनलोड या मोबाइल में सेव कर लें।
ध्यान दें कि यह प्रक्रिया तभी हो पाएगी जब आपके पंजीकरण और सत्यापन पूर्ण हो। पंजीकरण के लिए आम तौर पर पास के कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से या ऑनलाइन पंजीकरण कराया जा सकता है, जिसमें आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन होता है।
योजना के लाभ क्या हैं?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को अनेक लाभ सरकार द्वारा सीधे प्रदान किए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
- पहचान और सम्मान: विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड जो कारीगरों को अधिकारिक पहचान देते हैं।
- कौशल विकास: 5-7 दिनों की बेसिक ट्रेनिंग तथा इच्छानुसार 15 दिनों की एडवांस ट्रेनिंग, जिसमें 500 रुपये प्रति दिन ट्रेनिंग स्टाइपेंड मिलता है।
- उपकरण सहायता: ₹15,000 तक की सहायता टूलकिट खरीदने के लिए, जो कारीगरों की उत्पादन क्षमता बढ़ाती है।
- क्रेडिट सहायता: बिना जमानत के 1 लाख रुपये का पहला ऋण 18 महीने में चुकाना होता है और 2 लाख रुपये का दूसरा ऋण 30 महीने में। ब्याज दर पर 5% लाभ मिलता है, और सरकार 8% ब्याज सबवेंशन भी देती है।
- डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: हर डिजिटल ट्रांजैक्शन पर 1 रुपये की प्रोत्साहन राशि अधिकतम 100 ट्रांजैक्शन तक मिलती है।
- मार्केटिंग सहायता: सरकारी स्तर पर गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स लिंकिंग, प्रचार-प्रसार और व्यापार मेलों में भागीदारी का प्रबंध।
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
इस योजना से शिल्पकारों को न केवल व्यवसाय के लिए आर्थिक मदद मिलती है, बल्कि उनकी कला को आधुनिक व्यवसाय मॉडल और डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने में मदद मिलती है। इससे उनकी आय बढ़ती है और वे अपनी कला को व्यापक स्तर पर पहुंचा पाते हैं। साथ ही, स्किल ट्रेनिंग से वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता भी बेहतर कर पाते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सर्टिफिकेट के मोबाइल डाउनलोड का महत्व
आज मोबाइल के ज़रिए डिजिटल सुविधा होने से कारीगर अपने दस्तावेज कहीं भी और कभी भी डाउनलोड कर सकते हैं। इससे वे सरकारी योजनाओं, बैंक ऋण, और अन्य सुविधाओं का आसानी से लाभ उठा सकते हैं। डिजिटल सर्टिफिकेट रखने का मतलब है कि उनका कारीगर होना प्रमाणित है, जिससे व्यावसायिक लेन-देन और रोजगार के नए अवसर खुलते हैं।
अंत में, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों के लिए एक संपूर्ण मददगार योजना है जो उनके कौशल, वित्त और बाजार दोनों को सशक्त बनाती है। मोबाइल से सर्टिफिकेट डाउनलोड का तरीका सरल और सुविधाजनक है, जो लाभार्थियों को डिजिटल इंडिया के तहत नवीनतम तकनीकों से जोड़ता है।