भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली ट्रेन टिकट छूट (50% डिस्काउंट) को रोक दिया है। यह कदम सबसे पहले कोविड-19 महामारी के शुरूआती दौर में 20 मार्च 2020 को लिया गया। तब से लेकर अब तक यह छूट पूरी तरह से बंद है, जिससे वृद्ध यात्रियों को भारी झटका लगा है। लॉकडाउन के बाद भारतीय रेलवे ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यह फैसला किया था। रेलवे ने विवादास्पद रूप से यह कहा कि सभी यात्रियों को औसतन लगभग 46% छूट पहले ही मिल रही है, इसलिए अलग से सीनियर सिटीजन को दी जाने वाली छूट जरूरी नहीं है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह नई नीति आखिर क्या है, इसके पीछे क्या कारण हैं और सरकार और रेलवे का इस पर क्या रुख है।
अब वृद्ध यात्रियों को 50% डिस्काउंट नहीं मिलेगा? नई ट्रेन पॉलिसी का सच
भारतीय रेलवे पुराने समय से वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट खरीदने पर खास छूट देती रही है। पुरुष वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) को लगभग 40% और वरिष्ठ महिलाएं (58 वर्ष से अधिक) को 50% की छूट मिलती थी। यह छूट मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी ट्रेनों में लागू होती थी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 से ये छूट निलंबित कर दी गई हैं। रेलवे ने कोविड के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह कदम उठाया।
रेलवे ने आरटीआई के जवाब में बताया कि 20 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2025 तक अकेले वरिष्ठ नागरिकों से लगभग 8913 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है। इसका मतलब यह है कि लाखों वृद्ध यात्रियों ने बिना छूट के टिकट खरीदे। सूत्रों के मुताबिक, 31.35 करोड़ से अधिक बुजुर्ग यात्रियों ने इस दौरान छूट के बिना यात्रा की।
रेलवे का तर्क है कि वर्तमान में भी प्रत्येक यात्री को औसतन 46% छूट मिल रही है, साथ ही दिव्यांग, छात्र और बीमार यात्रियों के लिए अलग छूट जारी है। इसलिए अलग से बुजुर्गों को विशेष छूट देना मुश्किल हो गया है। इसके बदले रेलवे बची हुई राशि का इस्तेमाल अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने, ज्यादा सुविधाएं देने और ट्रेन संचालन सुधारने में कर रहा है।
हालांकि इस फैसले पर वरिष्ठ नागरिक और सामाजिक संगठनों में नाराजगी भी है। कई सांसदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संसद में बुजुर्ग यात्रियों को फिर से छूट देने की मांग की है। उनका मानना है कि बुजुर्ग अक्सर कम आय वाले होते हैं और उन्हें यात्रा के दौरान विशेष आर्थिक राहत मिलनी चाहिए।
सरकार और रेलवे की नई योजना क्या है?
कोविड के बाद बुजुर्ग यात्रियों को दी जाने वाली पूर्व की छूट धीरे-धीरे बहाल करने के लिए सरकार ने कुछ नई पहल शुरू की हैं। एक महत्वपूर्ण कदम वरिष्ठ नागरिकों के लिए Senior Citizen Card जारी करना है। यह कार्ड बुजुर्गों को कई सरकारी सेवाओं तथा लाभों में मदद करेगा, जिनमें रेलवे टिकट पर कुछ छूट और प्राथमिकता भी शामिल होगी।
1 अगस्त 2025 से इस कार्ड के जरिये बुजुर्ग यात्रियों को टिकट बुकिंग में आसानियां दी जाएंगी। हालांकि अभी तय नहीं है कि छूट की प्रतिशतता पहले जैसा ही रहेगी या कुछ बदलाव किए जाएंगे। सरकार यह कोशिश कर रही है कि बुजुर्गों को यात्रा के लिए पुनः आर्थिक सहायता मिल सके और साथ ही रेलवे की आर्थिक मजबूती भी बनी रहे।
टिकट बुकिंग प्रक्रिया को भी डिजिटल और सरल बनाने की योजना बनाई गई है जिससे बुजुर्ग आसानी से कहीं से भी टिकट बुक कर सकें। महिला वरिष्ठ यात्रियों को पूर्व से अधिक छूट मिल सकती है, जो उनके लिए बड़ा स्वागत योग्य कदम होगा।
क्या कहना है संसद और सामाजिक स्रेणियों का?
पार्लियामेंट की स्थाई समितियों ने भी बुजुर्ग यात्रियों को ट्रेन यात्रा में छूट पुनः शुरू करने की सिफारिश की है। उन्होंने सुझाव दिया कि कम से कम स्लीपर और थर्ड एसी क्लास में सीनियर सिटीजन को छूट दी जाए ताकि जरूरतमंद व कमजोर बुजुर्ग इसका लाभ उठा सकें।
रेल मंत्रालय ने हालांकि बताया है कि रेलवे वर्तमान में प्रत्येक यात्री को औसतन 46% तक की छूट दे रहा है लेकिन बुजुर्ग यात्रियों के लिए विशेष छूट अभी बहाल करने पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
वृद्ध यात्रियों को छूट खत्म होने के बाद का अनुभव
चूंकि छूट बंद होने के बाद बुजुर्ग यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है, इसलिए कई लोग यात्रा से बच रहे हैं या कम जा रहे हैं। ताकि आर्थिक बोझ ना बढ़े, कई वरिष्ठ लोग बस और अन्य सस्ते विकल्पों का सहारा ले रहे हैं।
रेलवे की ओर से दावा है कि अतिरिक्त आय से वे ट्रेन नेटवर्क, सुविधाओं और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने में निवेश कर रहे हैं। परन्तु बुजुर्ग यात्री और उनकी सामाजिक संस्थाएं अभी भी अलग से छूट की मांग जारी रखे हुए हैं।
निष्कर्ष
भारतीय रेलवे ने कोविड-19 की वजह से वृद्ध यात्रियों को मिलने वाली 50% तक की छूट को लगभग पांच सालों से रोक रखा है। इससे रेलवे को भारी राजस्व भी हुआ है, लेकिन वृद्ध यात्रियों को आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है। अब सरकार बुजुर्गों के लिए Senior Citizen Card जैसी नई योजनाएं लेकर आ रही है जो आगे चलकर कुछ सहूलियतें और छूट दे सकती हैं। हालांकि, अभी तक छूट पूरी तरह बहाल नहीं हुई है और इस विषय पर संसद और सामाजिक संगठनों की निगाह बनी हुई है। वृद्ध यात्रियों के लिए आर्थिक राहत और यात्रा को सरल बनाना भविष्य में प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि वे भी आराम से और सस्ते में देश के कोनों में सफर कर सकें।