हर माता-पिता अपने बच्चों के सुरक्षित भविष्य की कामना करते हैं, खासकर बेटियों के लिए। बेटियों की शिक्षा, शादी और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए समय पर बचत बेहद जरूरी है। इन्हीं लक्ष्यों को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने “सुकन्या समृद्धि योजना” की शुरुआत की थी।
यह स्कीम खास तौर पर बेटियों के लिए डिज़ाइन की गई है, ताकि उनके बाल्यकाल से लेकर युवावस्था तक आर्थिक सुरक्षा हासिल हो सके। सुकन्या समृद्धि योजना सरकार की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान का अहम हिस्सा है। इस स्कीम में माता-पिता को बेटी के नाम पर खाता खोलने और नियमित छोटी रकम जमा करने की सुविधा मिलती है।
खाते में जमा राशि पर सरकार ने आकर्षक ब्याज दर निर्धारित की है, जो बाजार में बाकी सेविंग स्कीम्स से ज्यादा है। यह स्कीम खासतौर से गरीब, मध्यम वर्ग और ग्रामीण परिवारों के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है।
योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें जमा पैसा पूरी तरह टैक्स फ्री रहता है, और ब्याज दर हाई होने से छोटी-छोटी रकम जमा करने पर भी लंबी अवधि में बड़ी पूंजी बन जाती है। इसके अलावा, बेटी की 18-21 वर्ष की आयु में यह रकम उसके जीवन की बड़ी जरूरतों, जैसे हायर एजुकेशन या शादी में बहुत काम आती है।
Sukanya Samriddhi Yojana 2025
यह योजना वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। इसमें बेटी के जन्म से लेकर 10 साल की आयु तक उसके नाम पर खाता खोला जा सकता है। खाते में हर साल न्यूनतम ₹250 और अधिकतम ₹1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं।
सरकार समय-समय पर इसकी ब्याज दरें निर्धारित करती है, जो जुलाई 2025 में करीब 8% (वार्षिक) के आसपास है। यह दर बैंक एफडी, पीपीएफ और अन्य सेविंग स्कीम्स से अधिक होती है। जमा पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट दोनों ही पूरी तरह टैक्स फ्री होते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना की मैच्योरिटी अवधि 21 वर्ष है, यानी खाते की शुरुआत से 21 साल या बेटी की शादी (कम से कम 18 वर्ष की उम्र के बाद) होने पर यह पूरी राशि ब्याज सहित निकाली जा सकती है। पैसे का आंशिक (आधा) निकासी 18 साल के बाद बेटी की पढ़ाई के लिए भी की जा सकती है।
योजना में खाता देश के किसी भी पोस्ट ऑफिस, सरकारी या अधिकृत निजी बैंक में खुलवाया जा सकता है। एक बेटी के नाम पर एक ही खाता और अधिकतम दो बेटियों के खाते पर लाभ दिया जाता है, हालांकि जुड़वा बेटियों के जन्म पर तीन खातों तक छूट मिलती है।
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता
सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने के लिए बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता/अभिभावक का आधार कार्ड और एलआईसी/राशन कार्ड/पता प्रमाण पत्र जरूरी होता है। खाता खोलने के लिए बेटी की उम्र 10 वर्ष से कम होनी चाहिए।
फॉर्म पोस्ट ऑफिस या बैंक शाखा में भर सकते हैं। खाते में पहली जमा राशि न्यूनतम ₹250 अनिवार्य है। खाता खुलने के बाद प्रति वर्ष इसमें कोई भी व्यक्ति या अभिभावक राशि जमा कर सकता है।
खाता संचालन और नॉमिनी की सुविधा
खाते का नियंत्रण बेटी के 18 वर्ष पूरे होने तक अभिभावक के पास रहता है। उसके बाद बेटी स्वयं खाता संचालित कर सकती है। खाते में नॉमिनी या वारिस जोड़ने की भी सुविधा होती है, जिससे किसी आकस्मिक स्थिति में सुरक्षा बनी रहती है।
अगर किसी वर्ष न्यूनतम राशि न जमा हो पाए, तो खाता ‘डिफॉल्ट’ हो जाता है, जिसे जुर्माना और अतिरिक्त ब्याज सहित भविष्य में पुनः एक्टिवेट किया जा सकता है।
राशि की निकासी की शर्तें
- बेटी के 18 साल पूरे होने या 10वीं कक्षा पास करने के बाद, उसकी पढ़ाई के लिए अधिकतम 50% राशि निकाली जा सकती है।
- 21 वर्ष बाद या शादी के समय पूरी राशि निकाली जा सकती है (बशर्ते बेटी की उम्र कम-से-कम 18 साल हो)।
- किसी आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में पूरी राशि अभिभावक या नामांकित व्यक्ति को ब्याज सहित मिल जाती है।
टैक्स लाभ
सुकन्या समृद्धि खाते में निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत सालाना ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है। इस खाते में जमा राशि, ब्याज तथा मैच्योरिटी अमाउंट तीनों टैक्स फ्री रहते हैं, जिसे EEE (Exempt-Exempt-Exempt) टैक्स बेनिफिट कहा जाता है।
योजना के मुख्य फायदे
- उच्च ब्याज दर, टैक्स फ्री सुविधा
- बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए आर्थिक सुरक्षा
- छोटी रकम से भी बड़ी बचत
- खाताधारक की बेटी के नाम पर निवेश करने की आदत
- अभिभावक/बेटी दोनों को सुरक्षित भविष्य का आश्वासन
निष्कर्ष
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के लिए सबसे सुरक्षित और फायदेमंद बचत स्कीमों में से एक है। छोटी शुरुआत से बड़े लाभ तक, यह योजना माता-पिता को निश्चिंत रखती है कि भविष्य में बेटी की पढ़ाई या शादी के समय पैसों की कमी नहीं होगी। बेटियों के उज्ज्वल कल के लिए यह योजना अपनाना समझदारी और दूरगामी वित्तीय योजना का सबसे अच्छा विकल्प है।