प्रदेश के सरकारी शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। नए सत्र 2025-26 के लिए “अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति योजना” की शुरुआत कर दी गई है। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के बच्चों को छात्रवृत्ति के रूप में ₹7,500 की सहायता राशि दी जाएगी।
यह आर्थिक सहयोग उन विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनके माता-पिता शिक्षण सेवा में हैं और जो उच्च शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे बढ़ना चाहते हैं। अधिकांश शिक्षक अपने बच्चों की शिक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन कई बार आर्थिक तंगी की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ सकता है।
सरकार ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए यह छात्रवृत्ति योजना शुरू की है ताकि शिक्षकों के बच्चों को पढ़ाई में हर संभव सहायता मिल सके। इस राशि से बच्चे अपनी फीस, किताबें, कोचिंग या अन्य जरूरी शैक्षिक चीजें आसानी से पूरी कर सकते हैं।
इस योजना के माध्यम से शिक्षक समाज का मनोबल भी बढ़ता है और उन्हें यह भरोसा मिलता है कि राज्य सरकार उनके परिवार के कल्याण का भी पूरा ख्याल रखती है। शिक्षकों की समाज में विशेष भूमिका रहती है, और उनका सम्मान बढ़ाने के लिए ऐसी योजनाएं समय-समय पर लाई जाती हैं।
Teacher Welfare Fund Trust Scholarship Scheme
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति योजना मुख्य रूप से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के बच्चों के लिए है। इस योजना को राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जाता है, और इसका उद्देश्य शिक्षकों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक विकास में मदद करना है।
इस योजना के तहत शिक्षकों के बच्चे जिन्होंने किसी भी कक्षा या कोर्स में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें ₹7,500 की छात्रवृत्ति राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
यह आर्थिक सहायता एक बार वार्षिक रूप से दी जाती है जिससे बच्चे अपनी पढ़ाई से संबंधित खर्च पूरे कर सकते हैं। छात्रवृत्ति राशि DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से ट्रांसफर की जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे शिक्षक वर्ग का मनोबल और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। पढ़ाई में होनहार बच्चे आगे बढ़ सकें, इसके लिए सरकार यह सहायता उपलब्ध कराती है ताकि किसी छात्र को सिर्फ पैसों की वजह से पढ़ाई में रुकावट न आए।
योजना की पात्रता और जरूरी शर्तें
- इस योजना का लाभ सिर्फ सरकारी स्कूल के स्थायी शिक्षकों के बच्चों को मिलता है।
- विद्यार्थी का नाम न्यूनतम निर्धारित अंकों के साथ वर्तमान कक्षा में होना चाहिए।
- एक परिवार से अधिकतम दो बच्चों को यह छात्रवृत्ति मिल सकती है।
- पिछला परीक्षा परिणाम विद्यालय से प्रमाणित होना जरूरी है।
- आवेदक बच्चे की आयु सीमा और शैक्षणिक योग्यता राज्य सरकार के नियम अनुसार निर्धारित होती है।
- बच्चे के नाम, बैंक खाते, आधार कार्ड, स्कूल प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेज आवेदन के समय अपलोड करना अनिवार्य है।
आवेदन प्रक्रिया
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। सबसे पहले प्रदेश की शिक्षा विभाग की अधिकारिक वेबसाइट या एप्लिकेशन पोर्टल पर जाएं। वहां “अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति योजना” सेक्शन में जाकर नया आवेदन फॉर्म खोलें।
फॉर्म में विद्यार्थी की व्यक्तिगत जानकारी, अभिभावक का नाम, स्कूल विवरण, बैंक खाता नंबर, IFSC कोड और अन्य जानकारी सावधानीपूर्वक भरें। पिछली परीक्षा की मार्कशीट, स्कूल प्रमाण पत्र और आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करें। फिर फॉर्म को अंतिम रूप से सबमिट कर दें और रसीद डाउनलोड करके सुरक्षित रखें।
सरकार द्वारा सभी आवेदनों की जांच के बाद पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति राशि सीधी उनके बैंक खाते में अगस्त या सितंबर माह में जमा कर दी जाती है।
योजना के लाभ
- ₹7,500 की वार्षिक छात्रवृत्ति राशि बच्चों के शैक्षिक खर्च के लिए सीधी मदद।
- आवेदन प्रक्रिया आसान, ऑनलाइन व पारदर्शी।
- आर्थिक तंगी के बावजूद शिक्षा में निरंतरता और गुणवत्ता बनी रहती है।
- शिक्षक परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे बढ़ने का सुनहरा मौका।
निष्कर्ष
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति योजना 2025-26 सरकारी शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत वाली पहल है। यह न सिर्फ आर्थिक सहायता देती है, बल्कि प्रदेश के हर शिक्षक परिवार के बच्चों को आगे बढ़ने का आसान रास्ता भी दिखाती है।
योग्य परिवार समय रहते आवेदन करें और सरकारी सहायता का पूरा लाभ पाएं, इसी में बच्चों की उज्ज्वल भविष्य की नींव छिपी है।